नई दिल्ली। रक्षा मंत्रालय ने आगामी नीलामी के लिए 30,000 करोड़ रुपए का स्पेक्ट्रम मुक्त करने की सहमति दी है। जुलाई में होने वाली नीलामी में इस स्पेक्ट्रम को बिक्री के लिए रखा जाएगा। दूरसंचार विभाग और रक्षा मंत्रालय के बीच स्पेक्ट्रम अदलाबदली करार से 22 दूरसंचार सर्किलों में प्रत्येक सर्किल में 3जी सेवाओं योग्य 2100 मेगाहर्ट्ज बैंड का 15 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रमा उपलब्ध होगा। इसके अलावा 1800 मेगाहर्ट्ज बैंड में 201 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम उपलब्ध होगा।
एक आधिकारिक सूत्र ने कहा, रक्षा विभाग ने दूरसंचार विभाग के आग्रह के बाद 2100 (3जी) और 1800 मेगाहर्ट्ज बैंडों में स्पेक्ट्रम देने की सहमति दी है। आधार मूल्य पर इस स्पेक्ट्रम की कीमत 30,000 करोड़ रुपए बैठती है। इसके साथ ही नीलामी के लिए उपलब्ध स्पेक्ट्रम का मूल्य अब बढ़कर 5.66 लाख करोड़ रुपए हो गया है। इस तरह यह देश में आयोजित अब तक की सबसे बड़ी स्पेक्ट्रम नीलामी होगी।
दूरसंचार विभाग ने 1900 मेगाहर्ट्ज बैंड में अपने पास मौजूद 15 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम को रक्षा विभाग के पास 2100 मेगाहर्ट्ज के उतने ही स्पेक्ट्रम से बदलने का प्रस्ताव किया था। फिलहाल 2100 मेगाहर्ट्ज का इस्तेमाल 3जी मोबाइल सेवाओं के लिए किया जा रहा है।
जनवरी, 2015 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दूरसंचार और रक्षा मंत्रालयों में स्पेक्ट्रम अदलाबदली को मंजूरी दी है।
यह भी पढ़ें- सरकार करेगी अगले दो-तीन महीने में 2,000 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की नीलामी, मिलेंगे 5.36 लाख करोड़ रुपए
यह भी पढ़ें- Assocham: स्पेक्ट्रम आवंटन पर सर्विस टैक्स डिजिटल इंडिया के लिए खतरा, इंडस्ट्री पर पड़ेगा असर