बेंगलुरु। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने सोमवार को कहा कि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) से राष्ट्रीय हितों को किसी प्रकार का नुकसान नहीं होने दिया जाएगा और ऐसे मामलों पर तर्कसंगत तरीके से गौर किया जाएगा।
उन्होंने यह बात ऐसे समय कही है जबकि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) से जुड़ा एक संगठन राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार की FDI नीति का जोरदार तरीके से विरोध कर रहा है।
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- रक्षा मंत्री ने FDI नीति को लेकर स्वदेशी जागरण मंच (SJM) के विरोध के बारे में पूछे जाने पर कहा कि उन क्षेत्रों में FDI अनुमति नहीं है जहां उसका भारतीय उद्योगों से सीधा मुकाबला है।
- उन्होंने कहा कि हम इन चिंताओं पर ध्यान देंगे और राष्ट्रीय हितों का नुकसान नहीं होने दिया जाएगा।
- ऐसा नहीं है कि हम यह काम बिना सोचे समझे कर रहे हैं।
- जहां स्थानीय इकाइयों से सीधी प्रतिस्पर्धा है, हमने कह रखा है कि वहां 100 प्रतिशत FDI नहीं होगा।
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- पर्रिकर ने कहा, उदाहरण के लिए स्टेंट के विनिर्माण को ही लें, उसमें FDI की अनुमति नहीं है। पर यह मार्ग खुला रखा गया है।
- कोई यदि एक इंंजन बनाना चाहता है जिसकी प्रौद्योगिकी हमारे पास नहीं है, मैं उस पर निश्चित रूप से गौर करुंगा।
- मैं ऐसे हर क्षेत्र में FDI का स्वागत करुंगा।
- रक्षा मंत्री ने कहा कि FDI को अटका कर, आयात पर निर्भर रहने में कोई समझदारी नहीं है।