नई दिल्ली। कोविड-19 महामारी की वजह से भारतीय परिवारों की बचत में गिरावट देखने को मिली है। एक सर्वे में बड़ी संख्या में उपभोक्ताओं ने कहा है कि महामारी की वजह से उनकी बचत कम हुई है। सर्वे में कहा गया है कि नौकरी छूटने, वेतन में कटौती या फिर वेतन के भुगतान में देरी जैसी वजहों से परिवारों की बचत पर बुरा असर देखने को मिला है।
लोकलसर्किल्स के उपभोक्ताओं के रुख पर छमाही सर्वे में कहा गया है कि महामारी के अब नौ माह हो गए हैं। बड़ी संख्या में उपभोक्ता रोजगार गंवाने और वेतन कटौती की वजह से अपनी वित्तीय स्थिति में आई गिरावट से अब तक उबर नहीं पाए हैं। सर्वे में शामिल 8,240 लोगों में से 68 प्रतिशत ने कहा कि कोविड-19 महामारी की वजह से पिछले आठ माह में उनकी बचत घटी है। यह सर्वे त्योहारी सीजन के दौरान उपभोक्ताओं के खर्च के रुख, अगले चार माह के लिए खर्च की योजना, परिवार की आमदनी को लेकर उम्मीद तथा मार्च तक बचत की स्थिति के आकलन के लिए किया गया है।
सर्वे पर देश के 302 जिलों से करीब 44,000 प्रतिक्रियाएं मिलीं। इसमें 62 प्रतिशत पुरुष और 38 प्रतिशत महिलाएं शामिल हैं। सर्वे में शामिल लोगों में से 55 प्रतिशत पहली श्रेणी के शहरों से है। 26 प्रतिशत दूसरी श्रेणी और 19 प्रतिशत तीसरी और चौथी श्रेणी के शहरों या ग्रामीण जिलों से हैं। हालांकि सर्वे के अनुसार, आने वाले 4 महीने में लोग जरूरी उत्पादों से आगे निकल कर अन्य उत्पादों की खरीद भी करेंगे। करीब 50 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे अगले चार माह के दौरान विवेकाधीन उत्पाद या संपत्तियां खरीदने पर खर्च करेंगे, यानि ऐसे उत्पाद जो घर चलाने के लिए जरूरी उत्पादों के अलावा हों। सर्वे में शामिल करीब 10 प्रतिशत लोगों का कहना था कि अगले चार माह में उनकी विवेकाधीन खरीद पर 50,000 रुपये से अधिक खर्च करने की योजना है। वहीं 21 प्रतिशत ने कहा कि इस अवधि में वे 10,000 से 50,000 रुपये खर्च करेंगे।