नयी दिल्ली। भारत में कोविड-19 की दूसरी लहर के प्रभाव के बावजूद इस वर्ष की पहली छमाही में करीब 40.7 अरब डॉलर के सौदे हुए। एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गयी। पीडब्ल्यूसी इंडिया की ‘भारत में सौदे: 2021 के लिये मध्यावधि समीक्षा एवं परिदृश्य-मजबूती और पुनरूद्धार’ शीर्षक से जारी रिपोर्ट के अनुसार एक जनवरी से 15 जून के दौरान, कंपनियों ने 710 लेनदेन के जरिए 40.7 अरब डॉलर मूल्य के सौदों की घोषणा की। यह 2020 की दूसरी छमाही में मूल्य के लिहाज से दो प्रतिशत अधिक है।
रिपोर्ट के अनुसार इस साल जनवरी-जून की अवधि में निजी इक्विटी (पीई) गतिविधियां 26.3 अरब अमेरिकी डॉलर के अब तक के उच्चतम स्तर को छू गयी, जो एक साल पहले की इसी अवधि की तुलना में 25 प्रतिशत अधिक है। सौदे से जुड़ी गतिविधियों में उछाल अरबों डॉलर के अधिग्रहण और स्टार्ट-अप द्वारा बड़ी राशि जुटाने से जुड़ा है। रिपोर्ट में कहा गया कि निजी इक्विटी (पीई) निवेशक अपना ध्यान वृद्धि की मजबूत संभावना दिखाने वाले प्रौद्योगिकी और स्वास्थ्य सेवा जैसे क्षेत्रों पर भी केंद्रित कर रहे हैं।
रिपोर्ट में कहा गया, "वर्तमान समय की अनिश्चितता के कारण 2021 में उभरने वाले प्रमुख विषय हैं- संपत्ति के मूल्यांकन में बढ़ती भिन्नता, डिजिटल और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में सौदों में तेजी तथा पर्यावरण, सामाजिक एवं शासन (ईएसजी) मामलों की ओर बढ़ता ध्यान।" पीडब्ल्यूसी इंडिया के भागीदार और प्रमुख (सौदे) दिनेश अरोड़ा ने कहा, "एक स्थिर बैंकिंग प्रणाली के साथ अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए सरकार द्वारा घोषित नीति और ऋण उपायों के परिणामस्वरूप निवेशक समुदाय के बीच सकारात्मक भावनाओं का विकास हुआ है।"
इसके साथ ही घरेलू अर्थव्यवस्था में तेज रिकवरी की उम्मीदों और सरकार के द्वारा उठाये गये कदमों से भी निवेश का माहौल बेहतर हुआ है। सरकार के द्वारा कई क्षेत्रों में निवेश बढ़ाने के लिये नियमों में ढील दी गयी है। वहीं देश में निवेश बढ़ाने के लिये कई तरह की छूट और योजनाओं का भी ऐलान किया गया है, जिसमें निवेशकों की तरफ से बेहतर रिस्पॉन्स मिल रहा है।