नई दिल्ली। आधार मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को देशवासियों को बड़ी राहत दी है, वहीं यह फैसला मोदी सरकार के लिए झटका है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा है बैंक खातों और मोबाइल फोन से आधार के अनिवार्य लिंकिंग की समयसीमा को अनिश्चितकाल तक आगे बढ़ाया जाता है, जब तक आधार की वैधता पर कोई अंतिम फैसला नहीं आ जाता।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने मोबाइल फोन और बैंक खाते से आधार को जोड़ने की अंतिम तिथि 6 फरवरी 2018 से आगे बढ़ाकर 31 मार्च 2018 कर दी थी। इससे पहले आधार कार्ड से जुड़ी सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने बैंक में खाता खोलने के लिए भी आधार कार्ड की अनिवार्यता पर राहत दी थी। अब बैंक में खाता खुलवाते समय आधार कार्ड होना अनिवार्य शर्त नहीं होगी। नए बैंक खातों के लिए आधार देना होगा और आधार ना हो तो एनरोलमेंट देना होगा इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने विभिन्न योजनाओं और कल्याणकारी उपायों को आधार से जोड़ने की समयसीमा भी अब अनिश्चितकाल के लिए आगे बढ़ा दी है।
110 करोड़ बैंक खातों में से 87 करोड़ आधार से जुड़े
देश भर में 80 प्रतिशत बैंक खातों व 60 प्रतिशत मोबाइल कनेक्शनों को आधार से जोड़ा जा चुका है। आधार योजना का प्रबंध करने वाली एजेंसी UIDAI के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि 109.9 करोड़ बैंक खातों में से लगभग 87 करोड़ को आधार से जोड़ दिया गया है। इनमें से 58 करोड़ बैंक खातों का सत्यापन हो चुका है जबकि बाकी में बैंक में दाखिल दस्तावेजों के साथ सत्यापन प्रक्रिया जारी है।
अधिकारी ने कहा कि 142.9 करोड़ सक्रिय मोबाइल कनेक्शनों में से 85.7 करोड़ को पहले ही आधार से जोड़ा जा चुका है। UIDAI के सीईओ अजय भूषण पांडे ने कहा कि लगभग 80 प्रतिशत बैंक खातों को आधार से जोड़ दिया गया है। उम्मीद है कि बाकी को भी जल्द ही जोड़ दिया जाएगा। देश भर में 120 करोड़ से अधिक नागरिकों को 12 अंकों का आधार जारी किया जा चुका है।