नई दिल्ली। दूरसंचार विभाग की निर्णय लेने वाली सर्वोच्च संस्था डिजिटल संचार आयोग (डीसीसी) ने सोमवार को रिलायंस जियो को प्वाइंट्स ऑफ इंटरकनेक्शन उपलब्ध न कराने के मामले में एयरटेल और वोडाफोन आइडिया पर जुर्माना लगाने की मंजूरी दे दी है। हालांकि जुर्माना लगाने से पहले, आयोग ने नियामक द्वारा लगाए गए 3,050 करोड़ रुपए के जुर्माने को संशोधित करने पर ट्राई से विचार मांगे हैं। आयोग ने यह कदम दूरसंचार उद्योग की खराब वित्तीय हालत को देखते हुए उठाया है।
डिजिटल संचार आयोग ने जहां एयरटेल और वोडाफोन आइडिया पर जुर्माना लगाने को अपनी मंजूरी प्रदान की वहीं उस प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया जिसमें ग्राहकों को गुणवत्ता पूर्ण सेवा उपब्ध कराने में विफल रहने पर रिलायंस जियो पर भी जुर्माना लगाने की बात कही गई थी।
अधिकारिक सूत्र ने बताया कि रिलायंस जियो को प्वाइंट्स ऑफ इंटरकनेक्शन उपलब्ध न कराने के लिए भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया पर जुर्माना लगाने की मंजूरी डीसीसी ने दे दी है। हालांकि आयोग ने उद्योग की खस्ता हालत के मद्देनजर जुर्माने की राशि को संशोधित करने के लिए ट्राई से विचार मांगे हैं।
अक्टूबर 2016 में ट्राई ने रिलायंस जियो को इंटरकनेक्टिविटी उपलब्ध न कराने के चलते एयरटेल और वोडाफोन आइडिया पर 3050 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाने की सिफारिश की थी। एयरटेल और वोडाफोन दोनों कंपनियों पर 1050-1050 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया था। वहीं आइडिया पर 950 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया था। वोडाफोन और आइडिया का आपस में विलय हो चुका है इसलिए नई कंपनी वोडाफोन आइडिया को 2000 करोड़ रुपए का जुर्माना भुगतना होगा।
ट्राई ने ये सिफारिश रिलायंस जियो की उस शिकायत के बाद की थी जिसमें कहा गया था कि अन्य कंपनियों द्वारा पर्याप्त प्वाइंट्स ऑफ इंटरकनेक्शन उपलब्ध न कराने की वजह से उसके 75 प्रतिशत कॉल फेल हो रहे हैं।