नई दिल्ली। कंपनियों के ग्राहकों के संवेदनशील डेटा के साथ खिलवाड़ करना अब भारी पड़ेगा। यदि सरकार ने एक उच्च समिति की सिफारिश मान ली तो कंपनियों को भारी जुर्माने का सामना करना पड़ेगा। साथ ही इसके तहत दोषियों को जेल भी जाना पड़ सकता है। इसके तहत निजी डेटा की सुरक्षा संबंधी विधेयक के मसौदे के तहत प्रस्तावित नियमों का उल्लंघन करने पर राज्य, कंपनी या किसी व्यक्ति पर 15 करोड़ रुपये या उसके कारोबार का 4 प्रतिशत तक जुर्माना लगाया जा सकता है।
डेटा सुरक्षा पर गठित जस्टिस श्रीकृष्ण की अध्यक्षता में बनी समिति द्वारा सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को सौंपे मसौदे में डेटा सुरक्षा से जुड़े नियमों का उल्लंघन करने पर तीन वर्ष तक की जेल का भी प्रस्ताव है।
विधेयक के मसौदे के मुताबिक, जहां भी डेटा के प्रति जिम्मेदार व्यक्ति निम्नलिखित प्रावधानों का उल्लंघन करना तो उस जु्माना लगाया जा सकता है। यह जुर्माना पिछले वित्त वर्ष की कुल कारोबार का 4 प्रतिशत या 15 करोड़ रुपये तक हो सकता है।