नई दिल्ली। देश के प्रमुख औद्योगिक घराने डालमिया समूह ने दिल्ली के लाल किले को ‘अडॉप्ट’ यानि गोद ले दिया है। डालमिया समूह को सबसे बड़ी बोली लगाने के बाद सरकार से लाल किले के रखरखाव की जिम्मेदारी मिली है। सरकार की 'एडॉप्ट ए हेरिटेज' योजना के तहत डालमिया ग्रुप ने लाल किले को पांच साल के कॉन्ट्रेक्ट पर गोद लिया है। आपको बता दें कि जीएमआर जैसे समूह भी डालमिया समूह के साथ इस दौड़ में शामिल थे। डालमिया ग्रुप लाल किले पर हर साल करीब 5 करोड़ रुपए खर्च करेगा। इसके तहत डालमिया समूह दिल्ली के लाल किले में जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराएगा। गौरतलब है कि राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने 'एडॉप्ट ए हेरिटेज' स्कीम पिछले साल पर्यटन दिवस के मौके पर शुरू की थी।
'एडॉप्ट ए हेरिटेज' स्कीम के तहत सरकार निजी कंपनियों को धरोहर को गोद लेने और उन्हें संभालने के लिए आमंत्रित करती है। इसी योजना के तहत लाल किले के पांच साल तक रखरखाव की जिम्मेदारी डालमिया ग्रुप को मिली है। भारत सरकार ने डालमिया ग्रुप से लाल किला और कडपा जिले के गंडीकोटा किले (आंध्र प्रदेश) को लेकर एमओयू साइन किया है।
सरकार के साथ हुए करार के तहत डालमिया ग्रुप लाल किले में सुविधाएं बढ़ाने का काम करेगा। जिसमें लोगों के आने जाने, शुद्ध पेयजल, साफ सफाई, निगरानी सिस्टम, पर्यटकों के लिए आरामदायक कुर्सियां और उनको बेहतर सुविधाएं प्रदान करने का काम शामिल है। इसके अलावा दिव्यांगों के लिए सुविधाएं बढ़ाने का काम भी होगा।
लाल किले के बाद अब ताजमहल को भी औद्योगिक घराने को गोद देने की योजना है। सरकार ने इसके लिए निविदाएं मंगाई हैं। इसमें दो कंपनियां शामिल आई हैं। जिसमें आईटीसी समूह और जीएमआर ग्रुप शामिल हैं। अब देखना है इन दोनों में से किसी ताजमहल को गोद लेने का मौका मिलता है। बता दें कि 'एडॉप्ट ए हेरिटेज' योजना पिछले साल सितंबर में शुरू की गई थी। इसके तहत ऐतिहासिक इमारतों के रखरखाव के लिए 'मोनुमेंट्स मित्र' चुने जाते हैं। अभी इस योजना में देश के 100 के करीब ऐतिहासिक इमारतों को शामिल किया गया है। जिसमें ताजमहल, चित्तौड़गढ़ का किला, महरौली पुरातत्व पार्क जैसी धरोहर शामिल हैं।