नयी दिल्ली। सीमेंट कंपनी डालमिया भारत ने शुक्रवार को कहा कि आईएलएंडएफएस सिक्योरिटीज सर्विसेज ने उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद उसकी इकाई के डीमैट खाते में 344 करोड़ रुपये की प्रतिभूतियां वापस डाल दी हैं। शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कंपनी ने कहा कि उसकी दो पूर्ववर्ती अनुषंगियों की म्यूचुअल फंड यूनिट्स को अलायड फाइनेंशियल सर्विसेज प्राइवेट लि.(एएफएसपीएल) ने आईएलएंडएफएस सिक्योरिटीज सर्विसेज लि.(आईएसएसएल) के साथ सांठगाठ में धोखाधड़ी और गैरकानूनी तरीके से स्थानांतरित कर लिया था। ये दोनों डालमिया भारत की इकाई डालमिया सीमेंट (भारत) लि.(डीसीबीएल) की अनुषंगी हैं।
कंपनी ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद आईएसएसएल के पास मौजूद डीसीबीएल की प्रतिभूतियों को डीसीबीएल के खाते में वापस स्थानांतरित कर दिया गया है। इससे पहले 16 मार्च, 2021 को उच्चतम न्यायालय ने अपने अगस्त, 2019 के आदेश को संशोधित करते हुए प्रतिभूतियों को जारी करने की अनुमति दी थी।
रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर कानूनगो सेवानिवृत्त
भारतीय रिजर्व बैंक के वरिष्ठतम डिप्टी गवर्नर बी पी कानूनगो अपने विस्तारित कार्यकाल का एक साल पूरा होने के बाद शुक्रवार को सेवानिवृत्त हो गए। हालांकि, ऐसी उम्मीद की जा रही थी कि कानूनगो को दूसरी बार विस्तार मिलेगा। कानूनगो 1982 में रिजर्व बैंक से जुड़े थे। वह चार साल तक केंद्रीय बैंक के डिप्टी गवर्नर रहे। वह रिजर्व बैंक के मुद्रा प्रबंधन, बाहरी निवेश, परिचालन, भुगतान एवं समाधान प्रणाली आदि के प्रमुख थे। सरकार ने उन्हें मार्च, 2017 में डिप्टी गवर्नर नियुक्त किया था। उस समय उर्जित पटेल रिजर्व बैंक के गवर्नर थे। उन्होंने तीन अप्रैल, 2017 को पदभार संभाला था। उनका तीन साल का कार्यकाल दो अप्रैल, 2020 को पूरा हुआ था, लेकिन उस समय उन्हें एक साल का सेवा विस्तार दिया गया था।