नई दिल्ली। देश के सबसे बड़े डेयरी ब्रांड अमूल (Amul) की मूल कंपनी गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (GCMMF) ने वित्त वर्ष 2020-21 में रिकॉर्ड 39,248 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल किया है। इससे पूर्व वित्त वर्ष में कंपनी का कुल टर्नओवर 38,542 करोड़ रुपये था। कोविड-19 महामारी से ग्रुप की होटल और रेस्टॉरेंट बिक्री पर बहुत बुरा असर पड़ा है, लेकिन अंतिम छोर तक आपूर्ति में सुधार और घर में उपभोग पर ध्यान केंद्रित कर अमूल ने बिक्री में 8.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है।
जीसीएमएमएफ ने अपनी 47वीं वार्षिक आम सभा में बताया कि अमूल ग्रुप (जीसीएमएमएफ और सदस्य यूनियन) का कुल टर्नओवर 53000 करोड़ रुपये के स्तर को पार कर गया है। अमूल इस साल अमूल को-ऑपरेटिव मूवमेंट के 75 साल का जश्न मना रही है। जीसीएमएमएफ ने वर्ष 2025 तक ग्रुप टर्नओवर को 1 लाख करोड़ रुपये तक करने का लक्ष्य रखा है।
अमूल का कंज्यूमर पैक बिजनेस सालाना आधार पर 8.1 प्रतिशत बढ़ा है, जबकि बल्क डेयरी कमोडिटीज के साथ ही साथ रेस्टॉरेंट्स और होटल की बिक्री 2020-21 के दौरान घटी है। जीसीएमएमएफ, गुजरात में 18 डेयरी को-ऑपरेटिव्स की मूल संस्था, ने अमूल को-ऑपरेटिव मूवमेंट के 75वें वर्ष में यह रिकॉर्ड टर्नओवर हासिल किया है।
इस को-ऑपरेटिव की शुरुआत दो छोटे गांवों में केवल 250 लीटर दूध प्रतिदिन के संग्रह के साथ 1946 में हुई थी, आज यह 2.9 करोड़ लीटर दूध प्रतिदिन को संभाल रही है। 75 सालों की अपनी इस यात्रा में अमूल भारत में सबसे बड़ा फूड और एफएमसीजी ब्रांड बन चुका है।
जीसीएमएमएफ के मैनेजिंग डायरेक्अर आरएस सोढी ने कहा कि महामारी के दौरान आउट-ऑफ-होम उपभोग में कमी आने के साथ ही कंपनी ने अपना फोकस इन-होम उपभोग को बढ़ाने पर दिया। हमनें उपभोक्ताओं को शिक्षित और जागरूक करने के लिए अपने मार्केटिंग अभियान में बदलाव किया और उन्हें घर पर ही रेस्टॉरेंट स्टाइल डिशेज बनाने के लिए हमारे प्रोडक्ट्स के उपयोग के बारे में बताया। जीसीएमएमएफ ने अमूल को-ऑपरेटिव मूवमेंट की 75वीं वर्षगांठ का जश्न मनाने और श्वेत क्रांति के पिता वर्गीस कुरियन की जन्म शताब्दी समारोह के लिए पूरे भारत में कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बनाई है।
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