नई दिल्ली। भारत के पहले डीपवाटर गैस फील्ड डी1/डी3 से सोमवार को उत्पादन बंद हो गया। रिलायंस इंडस्ट्रीज और उसके पार्टनर बीपी पीएलसी द्वारा 1 अरब डॉलर के निवेश और तकनीकी हस्तक्षेप के कारण इस गैस क्षेत्र को चार साल का जीवन विस्तार दिया गया था। बंगाल की खाड़ी में ब्लॉक केजी डी6 में डी1/डी3 गैस फील्ड स्थित है, यह भारत का पहला डीपवाटर गैस फील्ड था और यहां अप्रैल 2009 से गैस का उत्पादन शुरू हुआ था। 2010 में यहां से प्रतिदिन 61 मिलियन स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर गैस का उत्पादन होता था, जो इसका उच्चतम स्तर था।
जब यहां गैस का उत्पादन अपने चरम पर था तब यह देश का सबसे बड़ा गैस क्षेत्र हुआ करता था, अंतिम तिमाही में डी1/डी3 से औसतन 1.5 मिलियन स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर गैस का ही उत्पादन हुआ। सूत्रों ने बताया कि इस क्षेत्र में खोदे गए 18 कुओं में से केवल तीन ही उत्पादन के लायक बचे थे और वो भी सोमवार को बंद हो गए।
डीपवाटर फील्ड में रिलायंस-बीपी ने जटिल तकनीक के मिश्रण का उपयोग करने के जरिये अपनी तरह की पहली पहल के माध्यम से धीरूभाई-1 और 3 क्षेत्र में पिछले चार सालों से इन कुंओं को जिंदा रखा था।
रिलायंस ने कृष्णा गोदावरी बेसिन में अब तक 19 तेल और गैस क्षेत्रों की खोज की है। यहां सबसे पहले डी26 में सितंबर 2008 से उत्पादन शुरू हुआ था। डी1 और डी3 फील्ड से अप्रैल 2009 में उत्पादन शुरू किया गया था।