नई दिल्ली। टाटा ग्रुप के चेयरमैन पद से हटाए जाने के बाद पहली बार सायरस मिस्त्री ने बयान जारी किया है। सायरस मिस्त्री ने टाटा बोर्ड को एक ई-मेल लिखकर कहा है कि मैं इस तरह से पद से हटाए जाने से शॉक्ड हूं। आपको बता दें कि बीते सोमवार को अचानक सायरस मिस्त्री को टाटा चेयरमैन के पोस्ट से हटा दिया गया था।
मिस्त्री ने ईमेल में क्या लिखा है…
- मिस्त्री ने ईमेल में लिखा है कि इस फैसले से मैं शॉक्ड हैं। उन्हें अपनी बात रखने का मौका तक नहीं दिया गया। बोर्ड ने अपनी साख के मुताबिक काम नहीं किया।
- टाटा संस और ग्रुप कंपनियों के शेयरधारकों के प्रति जिम्मेदारी निभाने में डायरेक्टर्स विफल रहे और कॉरपोरेट गवर्नेंस का कोई ख्याल नहीं रखा गया।
- कॉरपोरेट स्ट्रैटजी नहीं होने के आरोप के जवाब में मिस्त्री ने कहा कि टाटा संस बोर्ड को उन्होंने 2025 तक की स्ट्रैटजी सौंप दी थी
- मिस्त्री ने कहा, उन्होंने शुरुआत में रतन टाटा और लॉर्ड भट्टाचार्या का ग्रुप को लीड करने का ऑफर ठुकरा दिया था, लेकिन कैंडिडैट्स नहीं होने चलते उन्हें आगे लागा गया। साथ ही यह भरोसा दिया गया था कि उन्हें काम करने की पूरी फ्रीडम होगी।
- इसमें रतन टाटा की भूमिका सलाहकार और गाइड की होगी।
- लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अप्वाइंटमेंट के बाद टाटा ट्रस्ट ने एसोसिएशंस के आर्टिकल में संशोधन किया।
- इसमें ट्रस्ट, टाटा संस बोर्ड और चेयरमैन के बीच इंगेजमेंट के टर्म को बदला गया।
- नियमों में बदलाव के जरिए टाटा संस के चेयरमैन को रोल को कम किया गया और एक अल्टरनेटिव पावर स्ट्रक्चर तैयार किया गया।
नॉमिनेटेड डायरेक्टर बन चुके हैं पोस्टमैन
- मिस्त्री ने दावा किया, ट्रस्ट की तरफ से नॉमिनेटेड डायरेक्टर नितिन नोहरिया और विजय सिंह, को महज पोस्टमैन बना दिया गया।
- जानकारी के मुताबिक, बोर्ड मीटिंग के दौरान भी खुद को हटाए जाने को लेकर मिस्त्री ने कहा था कि यह गैरकानूनी तरीका है।
बोर्ड नहीं था मिस्त्री से खुश
- इसके पीछे कोई कारण नहीं बताया गया था। लेकिन माना गया कि सिर्फ मुनाफे वाली कंपनियों पर ही फोकस करने और टाटा की कंपनियों के कई कानूनी मामलों में फंसने के चलते बोर्ड मिस्त्री से नाखुश है।
बोर्ड ने बनाया रतन टाटा को अंतरिम चेयरमैन
- बोर्ड ने मिस्त्री की जगह 78 साल के रतन टाटा को चार महीने के लिए इंटरिम चेयरमैन बनाया है।
- टाटा ग्रुप के 148 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि किसी चेयरमैन को बर्खास्त किया गया।
शुरु हुई कानूनी लड़ाई
- मंगलवार को दोनों की तरफ से एक-दूसरे के खिलाफ कैविएट दायर होने की खबरें आईं।
- टाटा ग्रुप ने साफ किया कि वह मिस्त्री की बर्खास्तगी के मामले में कोर्ट से कोई एकतरफा ऑर्डर नहीं चाहता। लिहाजा उसने सुप्रीम कोर्ट, बॉम्बे हाईकोर्ट और नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) में कैविएट दायर की है।
- मिस्त्री की तरफ से भी ट्रिब्यूनल में चार कैविएट दायर करने की खबरें आईं। लेकिन बाद में मिस्त्री के ऑफिस ने इससे इनकार कर दिया।