नई दिल्ली। सायरस मिस्त्री ने टाटा बोर्ड को ईमेल लिखकर करार जवाब दिया है। मिस्त्री ने ईमेल में नैनो के 1000 करोड़ रुपए के घाटे में जाने और एयरएशिया डील में 22 करोड़ रुपए के घपले का अंदेशा भी जताया है। मिस्त्री ने कहा कि नियुक्ति के बाद टाटा ट्रस्ट ने आर्टिकल ऑफ एसोसिएशंस में बदलाव किया गया। टाटा संस के चेयरमैन के रोल को कम किया गया और एक अल्टरनेटिव पावर स्ट्रक्चर तैयार किया गया। आपको बता दें कि कुछ दिनों पहले टाटा संस ने सायरस मिस्त्री की खराब परफार्मेंस को वजह बताकर को चेयरमैन पद से हटा दिया था।
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टाटा ग्रुप को हो सकता है 1.18 लाख करोड़ का नुकसान
- मिस्त्री ने टाटा ग्रुप को 1800 करोड़ डॉलर (लगभग 1.18 लाख करोड़ रुपए) के नुकसान का अंदेशा जताया है।
- मिस्त्री ने जिस तरह से टाटा बोर्ड के फैसलों पर सवाल उठाए हैं, उससे आने वाले दिनों में टाटा बोर्ड और मिस्त्री के बीच तल्खी बढ़ना तय है।
मिस्त्री ने परफार्मेंस पर दिया ये जवाब
- सायरस ने लिखा, ‘मैं यह विश्वास नहीं कर सकता हूं कि मुझे नॉन परफार्मेंस के आधार पर हटाया गया।
- मेरे कार्यकल में टाटा संस की नेटवर्थ 26 हजार करोड़ से बढ़कर 42 हजार करोड़ रुपए हुई।
- मेरे टेन्योर में ग्रुप का ऑपरेशनल कैश फ्लो 31 फीसदी सीएजीआर की दर से बढ़ा है।
नैनो पर हो रहा था बड़ा नुकसान
- मिस्त्री ने लिखा मैंने नैनो को बंद करने की सिफारिश की। नैनो का नुकसान 1000 करोड़ रुपए तक पहुंच गया।
- नैनो की लागत 1 लाख रुपए से ज्यादा हो गई थी। इमोशनल कारणों से नैनो प्रोजेक्ट को बंद करने से हम पीछे हट रहे थे। नैनो को बंद करने की जरूरत थी।
एयरएशिया डील में 22 करोड़ रुपए के गलत लेनदेन का आरोप
- मिस्त्री ने लिखा, मैंने एयरएशिया के साथ डील पर आपत्ति जताई थी।
- फारेंसिक जांच में एयरएशिया में 22 करोड़ रुपए की गलत लेनदेन मिली है।
- इस डील में यह वादा किया गया था कि एयरएशिया में टाटा संस का इन्वेस्टमेंट कुल इक्विटी का 30 फीसदी से ज्यादा नहीं होगा।
- वहीं, बिना समय की जरूरत समझे और बिना अनुभव के हमें टाटा-एसआईए ज्वाइंट वेचर को स्वीकार करना पड़ा।
कोर्ट पहुंचा मामला
- टाटा ग्रुप और सायरस मिस्त्री की ओर से मंगलवार को एक-दूसरे के खिलाफ कैविएट दायर होने की खबरें आईं।
- टाटा ग्रुप ने साफ किया कि वह मिस्त्री की बर्खास्तगी के मामले में कोर्ट से कोई एकतरफा ऑर्डर नहीं चाहता।
- लिहाजा उसने सुप्रीम कोर्ट, बॉम्बे हाईकोर्ट और नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) में कैविएट दायर की है।
- मिस्त्री की तरफ से भी ट्रिब्यूनल में चार कैविएट दायर करने की खबरें आईं। लेकिन बाद में मिस्त्री के ऑफिस ने इससे इनकार कर दिया।
शापूरजी ग्रुप ने कहा- रजामंदी से फैसला नहीं हुआ
- शापूरजी एंड पालोनजी ग्रुप ने एक स्टेटमेंट में कहा कि मिस्त्री को हटाने का फैसला सभी की रजामंदी से नहीं लिया गया।
- ग्रुप के मुताबिक, 8 बोर्ड मेंबर्स मीटिंग में थे। 6 ने मिस्त्री हटाने के फेवर में वोट किया, जबकि दो इससे दूर रहे।
- मिस्त्री को हटाने से पहले 15 दिन का नोटिस दिया जाना था, जो नहीं दिया गया। इसके बाद से माना जा रहा था कि कानूनी लड़ाई शुरू होगी।