मुंबई। सोमवार की शाम सायरस मिस्त्री ने बड़ी लड़ाई की तैयारी का एलान करते हुए ग्रुप की सभी कंपनियों से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने रतन टाटा पर फर्जीवाड़े का इल्जाम लगाया और कहा कि रतन टाटा की अगुवाई में नियम-कानूनों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। उन्होंने 2G घोटाले समेत दूसरी गड़बड़ियों के लिए भी रतन टाटा पर सवाल उठाए।
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अब खुल कर लड़ाई लड़ना चाहते हैं मिस्त्री
- मिस्त्री ने कहा कि वो कंपनी की विरासत बचाने के लिए अब तक लड़ रहे थे।
- लेकिन अब वक्त आ गया है कि लड़ाई को EGM से बाहर किसी बड़े प्लैटफॉर्म पर ले जाया जाए।
- उन्होंने रतन टाटा के खिलाफ कानूनी मोर्चा खोलने के संकेत दिए।
- बता दें कि कल से टाटा की 4 कंपनियों की ईजीएम होनी है।
इस्तीफे को टाटा संस ने बताया सोची-समझी रणनीति
- टाटा संस ने साइरस मिस्त्री द्वारा टाटा समूह की विभिन्न कंपनियों के निदेशक मंडल से इस्तीफे दिए जाने को आज उनकी सोची समझी रणनीति करार दिया।
- इसके साथ ही टाटा संस ने कहा है कि मिस्त्री लगातार आधारहीन व दुर्भावनापूर्ण आरोप लगा रहे हैं, उनके आरोपों का उपयुक्त जवाब दिया जाएगा।
टाटा समूह की धारक कंपनी टाटा संस ने एक बयान में कहा है
मिस्त्री के इस्तीफे सोची समझी रणनीति है क्योंकि वह जानते हैं कि अधिसंख्य शेयरधारक उनके कामकाज के समर्थन में नहीं।
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उल्लेखनीय है कि टाटा समूह के चेयरमैन पद से हटाये गये साइरस मिस्त्री रतन टाटा के साथ आठ सप्ताह के बोर्ड रूम वार के बाद टाटा मोटर्स और इंडियन होटल्स सहित आज समूह की छह सूचीबद्ध कंपनियों के निदेशक मंडलों से हट गये।