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बैंकों के खिलाफ ग्राहकों की शिकायतों में हुई 25 प्रतिशत वृद्धि, 2017-18 में दर्ज हुईं 1.63 लाख शिकायत

रिजर्व बैंक के अनुसार समीक्षाधीन वर्ष के दौरान 21 बैंकिंग लोक प्रहरी कार्यालयों को 1,63,590 शिकायतें मिलीं, जो इससे पिछले साल मिली शिकायतों की तुलना में 24.9 प्रतिशत अधिक है। इनमें से 96 प्रतिशत शिकायतों का निपटान कर दिया गया।

Edited by: India TV Paisa Desk
Updated : April 25, 2019 11:53 IST
Bnaking Ombudsman
Photo:BNAKING OMBUDSMAN

Bnaking Ombudsman

मुंबई। बैंकिंग क्षेत्र के लोक प्रहरी (ओम्बुड्समैन) को जून, 2018 में समाप्त साल के दौरान ग्राहकों की ओर से 1.63 लाख शिकायतें प्राप्‍त हुईं, जो इससे पिछले साल की तुलना में करीब 25 प्रतिशत अधिक हैं। इनमें से ज्यादातर शिकायतें अनुचित व्यवहार से संबंधित हैं। भारतीय रिजर्व बैंक ने यह जानकारी दी। 

सबसे अधिक 47,000 शिकायतें देश के सबसे बड़े भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के खिलाफ मिलीं। वहीं निजी क्षेत्र के बैंकों में सबसे अधिक 12,000 शिकायतें एचडीएफसी बैंक के खिलाफ मिलीं। अमेरिकी बैंक सिटी बैंक के खिलाफ 1,450 शिकायतें मिलीं। 

रिजर्व बैंक के अनुसार समीक्षाधीन वर्ष के दौरान 21 बैंकिंग लोक प्रहरी कार्यालयों को 1,63,590 शिकायतें मिलीं, जो इससे पिछले साल मिली शिकायतों की तुलना में 24.9 प्रतिशत अधिक है। इनमें से 96 प्रतिशत शिकायतों का निपटान कर दिया गया। 

साल के दौरान सबसे ज्‍यादा 22.1 प्रतिशत शिकायतें निष्पक्ष अभ्यास कोड का गैर-पालन से संबंधि‍त थीं। इसके बाद एटीएम और डेबिट कार्ड संबंधी शिकायतों की संख्‍या 15.1 प्रतिशत और क्रेडिट कार्ड की शिकायतें 7.7 प्रतिशत थीं। मोबाइल और इलेक्‍ट्रॉनिक बैंकिंग संबंधी शिकायतें 5.2 प्रतिशत थीं। पेंशन, बिना बताए चार्ज लगाना, लोन, रेमीटैंस, डायरेक्‍ट सेल में एजेंट की संलिप्‍तता, रिकवरी और गलत तरीके से एकाउंट खोलने संबंधी शिकायतों की संख्‍या 5 प्रतिशत थी।  

वर्ष 2017-18 के दौरान प्रत्येक शिकायत पर कार्रवाई करने की औसत लागत 3,504 रुपए रही। इससे  पिछले वर्ष यह लागत औसतन 3626 रुपए थी। 

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