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आरबीआई की रिपोर्ट में हुआ खुलासा, नोटबंदी की पूर्व स्थिति में पहुंचा कैश सर्कुलेशन

आरबीआई की रिपोर्ट ने एक बार नोटबंदी को लेकर सरकार के दावों की हवा निकाल दी है। रिजर्व बैंक की एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार देश में करंसी के सर्कुलेशन की स्थिति नोटबंदी के पहले के करीब पहुंच चुकी है।

Written by: Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Published on: March 02, 2018 14:20 IST
Noter Ban- India TV Paisa
Photo:PTI Noter Ban

नई दिल्‍ली। आरबीआई की रिपोर्ट ने एक बार नोटबंदी को लेकर सरकार के दावों की हवा निकाल दी है। रिजर्व बैंक की एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार देश में करंसी के सर्कुलेशन की स्थिति नोटबंदी के पहले के करीब पहुंच चुकी है। इस बात का मतलब यह हुआ कि सरकार डिजिटल इकोनॉमी या डिजिटल ट्रांजेक्‍शन को लेकर कितने भी प्रयास क्‍यों न कर रही हो। कैश सर्कुलेशन एक बार फिर से हावी हो गया है। रिजर्व बैंक के अनुसार नोटबंदी की घोषणा से पहले जितनी करंसी सर्कुलेशन में थी लगभग उतनी ही करंसी फिर से बाजार में आ गई है। रिजर्व बैंक ताजा डेटा के मुताबिक 23 फरवरी तक 17.82 लाख करोड़ रुपये की करंसी सर्कुलेशन में हैं।

नोटबंदी की घोषणा से एक हफ्ते पहले तक 17.97 लाख करोड़ रुपये की करंसी सर्कुलेशन में थी। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर 2016 की रात ब्लैक मनी, कैशलेस इंडिया और टेरर फंडिंग रोकने जैसे उद्देश्यों के साथ 500 और 1,000 के नोट बैन कर दिए थे।

नोटबंदी की घोषणा के बाद डिजिटल तरीकों से पेमेंट्स में तेजी से बढ़ोतरी हुई थी। देश को लेस कैश इकॉनमी बनाना नोटबंदी के मकसदों में शामिल था। रिजर्व बैंक के डेटा के मुताबिक, जनवरी 2018 के बाद से करंसी के सर्कुलेशन में काफी तेज बढ़ोतरी हुई। इस बीच डिजिटल ट्रांजैक्शंस कम हुए और करीब 89 हजार करोड़ का करंसी सर्कुलेशन बढ़ा। करंसी सर्कुलेशन बड़े चुनावों के नजदीक आने पर भी बढ़ती है लेकिन आर्थिक जानकार इस बार करंसी सर्कुलेशन के बढ़ने के पीछे के ठोस कारण को नहीं समझ पा रहे हैं।

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