न्यूयॉर्क। कनाडा के सबसे बड़े क्रिप्टोकरेंसी (सांकेतिक मुद्रा) एक्सचेंज में से एक के संस्थापक की भारत में अप्रत्याशित मौत के बाद इस एक्चेंज को दिवालिया कानून के तहत संरक्षण दिया गया है। संस्थापक की अचानक मौत होने के बाद हजारों निवेशकों की करीब 14.50 करोड़ डॉलर की राशि फंस गई है।
एक्सचेंज के खातों का पासवर्ड सिर्फ संस्थापक को ही मालूम था और उसने न तो इसे कहीं लिखा था और न ही इसके बारे में किसी को कुछ बताया था। क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज क्वैड्रिगा ने कहा कि मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं सह-संस्थापक गेराल्ड कोटेन की दिसंबर में मौत हो जाने के कारण वह 14.50 करोड़ डॉलर के बिटकॉइन एवं अन्य डिजिटल संपत्तियों की खरीद-बिक्री करने में असमर्थ हो गया है।
कोटेन भारत में एक अनाथालय के लिए स्वयंसेवक के तौर पर काम कर रहे थे। इसी दौरान गंभीर बीमारी के कारण अचानक उनकी मौत हो गई। कंपनी ने कहा कि क्वैड्रिगा के पास रखी गई अधिकांश मुद्राएं कोल्ड वैलेट खातों में ऑफलाइन रखी गई हैं। ऐसा हैकरों से बचाव के लिए किया गया था। इन खातों का एक्सेस सिर्फ कोटेन के पास था।
सीएनएन की खबर के अनुसार, कोटेन की अचानक मौत से एक्सचेंज के समक्ष एक लाख से अधिक उपभोक्ताओं को पैसे लौटाने का संकट उपस्थित हो गया है। नोवा स्कोटिया की सुप्रीम कोर्ट ने कंपनी को 30 दिनों के लिए लेनदारों से सुरक्षा के अनुरोध को स्वीकार कर लिया है और उसने कंपनी की वित्तीय समस्या को सुलझाने और संभावित बिक्री के विकल्प खोजने के लिए एकाउंटिंग कंपनी अर्न्स्ट एंड यंग को नियुक्त किया है।