नई दिल्ली। कच्चे तेल की कीमतों में बढ़त जारी है, लगातार दूसरे दिन क्रूड की कीमतें बढ़ी हैं। आज की बढ़त के बाद कच्चा तेल एक हफ्ते के ऊपरी स्तरों पर पहुंच गया। रॉयटर्स की खबर के मुताबिक मांग में बढ़त के संकेतों के बीच अमेरिकी तटों पर आए हरीकेन की वजह से तेल उत्पादन पर असर पड़ने से कीमतें बढ़ी हैं।
एक हफ्ते के ऊपरी स्तर पर क्रूड
सोमवार को ब्रेंट क्रूड की कीमत 73.5 डॉलर प्रति बैरल के स्तर और डब्लूटीआई क्रूड की कीमत 70 डॉलर प्रति बैरल के स्तर को पार गई है। बाजार ने ये स्तर इससे पहले 3 सितंबर के कारोबार के दौरान देखे थे। कीमतों में ये बढ़त तेल उत्पादन पर हरीकेन आईडा के असर की वजह से देखने को मिली है। हरीकेन की वजह से प्रभावित क्षेत्र में ऑयल रिग्स पर काम बंद करना पड़ा था, और फिलहाल काफी रिग्स उत्पादन नहीं कर रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक गल्फ ऑफ मैक्सिको से ऑफशोर ऑयल प्रोडक्शन का 75 प्रतिशत हिस्सा जो कि करीब 14 लाख बैरल प्रतिदिन है, अभी भी बंद पड़ा है। ये उत्पादन ओपेक देशों में शामिल नाइजीरिया के कुल उत्पादन के बराबर है। वहीं अमेरिका में रिफाइनरी ने अपना काम शुरू कर दिया है, ऐसे में उत्पादन से ज्यादा मांग के संकेतों से कीमतों में तेजी देखने को मिली है। हालांकि रिपोर्ट में कहा गया है कि बीते हफ्ते से ऑयल रिग्स को फिर से शुरू किये जाने की प्रक्रिया चालू हो गयी है और आने वाले हफ्तों में सप्लाई बढ़ने की उम्मीद है।
देश में पेट्रोल-डीजल कीमतों पर असर संभव
कच्चे तेल की कीमतों में बढ़त से तेल कंपनियों पर एक बार फिर दबाव बढ़ गया है। फिलहाल ब्रेंट क्रूड 73 डॉलर के पार है, और देश की क्रूड बॉस्केट में सबसे बड़ा हिस्सा ब्रेंट क्रूड का ही होता है। इसके साथ ही रुपये में कमजोरी से भी चुनौती बढ़ गयी है। अगर स्थितियां ऐसी ही रही तो तेल कंपनियों के लिये पेट्रोल और डीजल में कोई कटौती की संभावना नहीं रहेगी। सितंबर के महीने में देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई बढ़त देखने को नहीं मिली है। वहीं इस दौरान दो बार तेल कीमतों में कटौती दर्ज हुई।
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