नई दिल्ली। आज लगातार दूसरे दिन डीजल की कीमतों में कटौती देखने को मिली है। इसी के साथ उम्मीदें बंध गयी हैं कि तेल कीमतों में आने वाले समय में और कटौती देखने को मिल सकती है। दरअसल कच्चे तेल की कीमतों में लगातार छठे दिन नरमी देखने को मिली है। सरकार पहले ही तेल पर लगाये गये करों में कटौती को लेकर अपनी स्थिति साफ कर चुकी है, ऐसे में कच्चे तेल कीमतों में नरमी ही ईंधन की दरों में कटौती का एकमात्र विकल्प बचा है। उम्मीद है कि कीमतों में कटौती के दबाव के बीच सरकार कच्चे तेल खऱीद के बिल में मिली किसी भी राहत को ग्राहकों तक तुरंत पहुंचा सकती है।
करीब 3 महीने के निचले स्तरों पर पहुंचा ब्रेंट
ब्रेंट की कीमत फिलहाल करीब 3 महीने के निचले स्तरों पर पहुंच गयी हैं। ये लगातार छठा दिन रहा है, जब कीमतों में गिरावट देखने को मिली है। इस दौरान ब्रेंट करीब 6 प्रतिशत टूट गया है। खास बात ये है कि कीमतों में अभी भी नरमी का रुख बना हुआ है। रॉयटर्स की रिपोर्ट में बाजार के जानकारों के हवाले से कहा गया है कि ब्रेंट के लिये 67 डॉलर प्रति बैरल का सपोर्ट लेवल है। अगर ये टूटता है तो ब्रेंट क्रूड में और गिरावट देखने को मिल सकती है। फिलहाल ब्रेंट क्रूड की कीमत इसी स्तर के करीब हैं।
क्यों आ रही कीमतों में गिरावट
कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट को लेकर नई चिंताओं, दुनिया के सबसे बड़े तेल आयातक देश चीन में सुस्ती और अमेरिका में इन्वेंटरी में अप्रत्याशित बढ़त, जिससे संकेत मिले हैं कि मांग अनुमानों से कम रही है, के बाद तेल कीमतों में गिरावट देखने को मिली है। वहीं यूएस शेल ऑयल आउटपुट के सितंबर में 81 लाख बैरल प्रति दिन तक पहुंचने की रिपोर्ट से भी कच्चे तेल की कीमतों पर दबाव रहा है। ये मई 2020 के बाद से सबसे ऊंचा स्तर है। जानकारों ने साफ कहा है कि मौजूदा संकेतों से अनुमान है कि छोटी अवधि में क्रूड कीमतों पर दबाव बना रहेगा।
क्या होगा भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर असर
ईंधन की खुदरा कीमतों को तय करने में कई बातों का असर देखने को मिलता है, जिसमें भारत की क्रूड बॉस्केट की औसत खऱीद, करंसी एक्सचेंज रेट, और टैक्स जैसे फैक्टर शामिल हैं। फिलहाल सरकार के संकेतों के बाद ईंधन कीमतों में कटौती की गुंजाइश क्रूड बॉस्केट और करंसी एक्सचेंज रेट पर निर्भर है। इसमें सबसे बड़ा फैक्टर कच्चे तेल की कीमत है। ऐसे में ब्रेंट क्रूड में लगातार नरमी से ईंधन कीमतों में राहत की उम्मीद बनती है।
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