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Coronavirus Impact: कच्चे तेल का दाम 17 साल के निचले स्तर पर पहुंचा, कोरोना से मची तबाही का असर

कोरोना वायरस महामारी के चलते पैदा हुआ संकट खत्म होता नहीं दिख रहा है, जिससे एशियाई बाजारों में कच्चे तेल की कीमतें सोमवार को 17 साल के निचले स्तर पर जा पहुंची।

Written by: India TV Paisa Desk
Published on: March 30, 2020 11:58 IST
Crude Oil price, Crude Oil, coronavirus Impact- India TV Paisa
Photo:@TWITTER

Crude Oil prices fall to 17 year low due to coronavirus Impact

सिंगापुर। कोरोना वायरस महामारी के चलते पैदा हुआ संकट खत्म होता नहीं दिख रहा है, जिससे एशियाई बाजारों में कच्चे तेल की कीमतें सोमवार को 17 साल के निचले स्तर पर जा पहुंची। अमेरिका में वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट 5.3 प्रतिशत गिरकर 20 डॉलर प्रति बैरल पर और अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड 6.5 प्रतिशत गिरकर 23 डॉलर पर आ गया। कच्चे तेल पर कोरोना के कहर का असर लगातार बना हुआ है और बेंचमार्क कच्चा तेल ब्रेंट क्रूड का भाव अब तक इस साल के ऊंचे स्तर से 66 फीसदी से ज्यादा टूट चुका है। दुनियाभर में कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते आर्थिक गतिविधियां चरमरा गई हैं, जिससे कच्चे तेल के भाव पर लगातार दबाव बना हुआ है। 

कोरोना वायरस से लड़ने के लिए दुनिया भर में सरकारें लॉकडाउन का सहारा ले रही हैं और यात्रा प्रतिबंध लागू किए गए हैं, जिसके चलते कच्चे तेल पर भारी दबाव है। मांग में गिरावट के विपरीत कच्चे तेल की आपूर्ति में नाटकीय रूप से बढ़ोतरी हुई है और शीर्ष उत्पादक सऊदी अरब तथा रूस के बीच कीमत युद्ध चल रहा है। रियाद ने पिछले सप्ताह कहा था कि वह उत्पादन में किसी कटौती के लिए मास्को के संपर्क में नहीं है, दूसरी ओर रूस के उप ऊर्जा मंत्री ने कहा था कि तेल की कीमत 25 डॉलर प्रति बैरल तक रूस के उत्पादों के लिए बुरी नहीं है। इससे यह संकेत मिला कि अभी दोनों पक्ष किसी सहमति से दूर हैं। कोरोना वायरस के चलते दुनिया भर में करीब 33,000 लोगों की मौत हो चुकी है और यूरोप तथा अमेरिका इससे सबसे अधिक प्रभावित हैं। 

20 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आएगा ब्रेंट क्रूड!

बाजार के जानकारों की मानें तो ब्रेंट क्रूड का भाव 20 डॉलर प्रति बैरल से नीचे तक गिर सकता है। भारत कच्चे तेल का दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है लेकिन कोरोनावायरस के खिलाफ भारत सरकार द्वारा छेड़ी गई जंग में पूरे देश में लॉकडाउन है जिससे रेल, रोड और हवाई यातायात के साथ-साथ कई फैक्टरियां बंद हैं जिससे तेल की खपत घट गई है।

एंजेल कमोडिटी के डिप्टी वाइस प्रेसीडेंट (एनर्जी एवं करेंसी रिसर्च) अनुज गुप्ता ने बताया कि भारत की तरह दुनिया के अन्य देशों में भी तेल की खपत घट गई है, इसलिए आपूर्ति के मुकाबले मांग कम होने से कीमतों पर दबाव बना हुआ है और आने वाले दिनों में ब्रेंट क्रूड का दाम 20 डॉलर प्रति बैरल से नीचे गिर सकता है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी लाइट क्रूड वेस्ट टेक्सास (डब्ल्यूटीआई) का दाम 17 डॉलर प्रति बैरल से नीचे तक गिर सकता है।

केडिया एडवायजरी के डायरेक्टर अजय केडिया ने कहा कि आने वाले दिनों में ब्रेंट क्रूड का भाव 20 डॉलर प्रति बैरल से नीचे तक आ सकता है जबकि डब्ल्यूटीआई 18 डॉलर प्रति बैरल टूट सकता है। केडिया का कहना है कि कच्चे तेल के दाम में आगे होने वाली गिरावट ज्यादा दिनों तक नहीं रहेगी, बल्कि उसके बाद रिकवरी आएगी क्योंकि अमेरिका में तेल की उत्पादन लागत ज्यादा है इसलिए वह उत्पादन में कटौती कर सकता है इसके बाद दूसरे प्रमुख तेल उत्पादक देश भी उत्पादन में कटौती करने को मजबूर होंगे जिससे कीमतों को सपोर्ट मिलेगा।

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