नई दिल्ली। कोरोना वायरस की वजह से दुनिया भर में मांग घटने की आशंका और सऊदी अरब की तरफ से तेल उत्पादन बढ़ाने की घोषणा से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में इतनी गिरावट आ चुकी है कि कच्चा तेल भारत में बिकने वाले बोतल बंद पानी से भी सस्ता हो गया है।
सोमवार सुबह अंतरराष्ट्रीय बाजार में डब्ल्यूटीआई क्रूड का भाव घटकर 28 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आ गया है वहीं ब्रेंट क्रूड का भाव 32 डॉलर के नीचे है। कच्चे तेल की कीमतों में एक ही दिन में 30 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली है। एक अमेरिकी बैरल में लगभग 159 लीटर कच्चा तेल आता है और डॉलर का भाव लगभग 74 रुपए के करीब है। इस हिसाब से एक बैरल यानी 159 लीटर कच्चे तेल की कीमत लगभग 2072 रुपए बैठती है और प्रति लीटर भाव की गणना की जाए तो ये 13 रुपए प्रति लीटर बैठता है।
भारत में बोतल बंद पानी की औसत कीमत 20 रुपए प्रति लीटर से ज्यादा है। रेल यात्रा के दौरान मिलने वाला रेल नीर की कीमत की बात करें तो वह भी 15 रुपए प्रति लीटर की दर से मिलता है।
कोरोना वायरस की वजह से मांग घटने की आशंका
कोरोना वायरस की वजह से दुनिया भर में वाणिज्यिक गतिविधियां प्रभावित हुई हैं, खरीददारी के लिए उपभोक्ता कम संख्या में निकल रहे हैं और इस वजह से मांग प्रभावित हुई है जो कच्चे तेल की कीमतों पर असर डाल रही है। यही वजह है कि पिछले कुछ दिनों से वैश्विक बाजार में क्रूड ऑयल की कीमतों में गिरावट की रुख बना हुआ है।
सऊदी अरब बढ़ाएगा उत्पादन
मांग घटने की वजह से कच्चे तेल की कीमतों पर पहले ही दबाव है और ऊपर से कच्चे तेल के सबसे बड़े निर्यातक सऊदी अरब ने उत्पादन बढ़ाने की घोषणा कर सकता है। ऐसे में वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में अचानक सोमवार को बड़ी गिरावट दर्ज की गई है।
सऊदी अरब की घोषणा के बाद तेल के दामों में भारी गिरावट
दुनिया के प्रमुख तेल उत्पादक देशों के बीच उत्पादन में कटौती के लेकर सहमति नहीं बन पाने के बाद सऊदी अरब ने कीमत यु्द्ध छेड़ दिया है, जिसके बाद कच्चे तेल के दामों में सोमवार को लगभग 20 प्रतिशत की गिरावट हुई। ब्रेंट क्रूड ऑयल के दाम 36 डॉलर प्रति बैरल जबकि अमेरिकी डबल्यूटीआई ऑयल के दाम 32 डॉलर प्रति बैरल पर आ गए हैं।
ब्लूमबर्ग की खबर के अनुसार ओपेक और उसके सहयोगी देशों के बीच तेल का उत्पादन बंद करने को लेकर कोई करार नहीं होने के बाद सऊदी अरब ने रविवार को तेल के दामों में पिछले 20 साल में सबसे बड़ी कटौती करने का ऐलान किया था। अनुमान जताया जा रहा था कि मुख्य तेल उत्पादकों की बैठक में उत्पादन में भारी कटौती का फैसला किया जाएगा, लेकिन रूस ने ऐसा करने से इनकार कर दिया।
ब्लूमबर्ग के मुताबिक सऊदी अरब ने इसके जवाब में पिछले 20 साल में तेल के दामों में सबसे बड़ी कटौती की है। उसने एशिया के लिए अप्रैल डिलीवरी की कीमत 4-6 डॉलर प्रति बैरल और अमेरिका के लिए सात अरब डॉलर प्रति बैरल घटा दी। अरैमको अपना अरैबियन लाइट तेल 10.25 डॉलर प्रति बैरल की दर से यूरोप को बेच रही है।