हांगकांग। कच्चे तेल की कीमतों में पिछले सत्र की रिकॉर्ड तेजी के बाद शुक्रवार को गिरावट आई। कारोबारियों ने डोनाल्ड ट्रंप के इस दावे पर सवाल उठाया कि रूस और सउदी अरब उत्पादन घटाने के लिए तैयार हो गए हैं। दूसरी ओर एशियाई शेयर बाजारों में मिलाजुला रुख देखने को मिला।
अमेरिका में भारी बेरोजगारी से बाजार की धारणा नकारात्मक हुई। कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 10 लाख के पार पहुंचने और मौत के आंकड़े में तेज बढ़ोतरी के चलते निवेशक इस महामारी के लंबे आर्थिक असर की आशंका को लेकर बेचैन हैं।
ट्रंप ने गुरुवार को उम्मीद जताई थी कि सउदी अरब और रुस कच्चे तेल के उत्पादन में प्रतिदिन लगभग एक करोड़ बैरल की कमी करने के लिए तैयार हो गए हैं। इसके बाद कच्चे तेल की कीमतों में भारी तेजी देखने को मिली और एक समय में ब्रेंट क्रूड 50 प्रतिशत तक चढ़ गया और अंत में 21 प्रतिशत की बढ़त के साथ बंद हुआ। हालांकि, बाद में ट्रंप के दावे पर संदेह व्यक्त किए जाने लगे। इसके बाद तेल कीमतों में दबाव दिखा।
शेयर बाजार में शुरुआती कारोबार के दौरान हांगकांग में 0.6 प्रतिशत और शंघाई में 0.3 प्रतिशत की गिरावट हुई, जबकि सिडनी, सिंगापुर और मनीला 0.2 प्रतिशत नीचे थे। हालांकि, टोक्यो में 0.3 प्रतिशत, सियोल में 0.2 प्रतिशत और जकार्ता में 0.8 प्रतिशत की तेजी देखी गई।