नई दिल्ली। कच्चे तेल और गैस की कीमतों में गिरावट जारी रहने की संभावना है। मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विसेज ने मंगलवार को कहा, ग्लोबल स्तर पर तेल और गैस की कीमतें कुछ साल तक मौजूदा निचले स्तर पर बने रहेंगे। मूडीज के मुताबिक ईरान से सप्लाई बढ़ने के कारण कच्चे तेल के दाम 25 डॉलर प्रति बैरल तक आ सकते हैं। एनर्जी एक्सपर्ट्स के मुताबिक अगर कच्चे तेल की कीमतों इतनी बड़ी गिरावट आती है तो पेट्रोल-डीजल के दाम में भारी कटौती हो सकती है।
दशक के निचले स्तर पर फिसलेगा कच्चा तेल
मूडीज ने एक रिपोर्ट में कहा, ‘तेल कीमतों में जून 2014 से शुरू हुई गिरावट बनी रहेगी और एक दशक में अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंचेगी। हमारा इस समय मानना है कि तेल व गैस कीमतें कुछ साल तक मौजूदा निचले स्तर पर बनी रहेंगी क्योंकि बाजार में अधिशेष आपूर्ति धीरे-धीरे खपने लगेगी।’ मूडीज के अनुमान के मुताबिक 2016 में तेल की कीमत लगभग 33 डॉलर प्रति बैरल रहेगी। हालांकि इस दौरान दाम 25 डॉलर तक फिसलने के आसार नजर आ रहे हैं। फिलहाल कच्चे तेल की कीमत 39 डॉलर के आसपास है। वहीं 2017 में कच्चा तेल 38 डॉलर प्रति बैरल पहुंच सकता है, जबकि 2018 में 43 डॉलर प्रति बैरल पहुंचने की संभावना है। इसके अलावा मूडीज ने कहा कि इसके अलावा अमरीका हेनरी हब प्राकृतिक गैस की औसत कीमत2016 में 2.25 डॉलर प्रति एमबीटीयू रहेगी।
तस्वीरों से समझिए क्रूड की कहानी
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इसलिए कच्चे तेल में आएगी गिरावट
मूडीज ने कहा कि कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट की प्रमुख वजह “इनवर्स सप्लाई शॉक” है। एजेंसी के मुताबिक टेक्नोलॉजी में बदलाव, अतिरिक्त निवेश की क्षमता और जियोपॉलिटिकल फैक्टर्स के कारण ग्लोबल स्तर पर डिमांड के मुकाबले सप्लाई बढ़ी है। अब तेल का उत्पादन में बढ़ोतरी खपत में वृद्धि से कहीं अधिक है। मूडीज ने कहा कि कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट से एक्सपोर्ट्स देश की जीडीपी 0.8 फीसदी प्रभावित होगी।