नई दिल्ली। देश का क्रूड ऑयल का आयात बिल बीते वित्त वर्ष 2015-16 में घटकर आधा यानी 64 अरब डॉलर रह गया। पेट्रोलियम मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार भारत ने 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष के दौरान 64.4 अरब डॉलर के 20.21 करोड़ टन कच्चे तेल का आयात किया। वित्त वर्ष 2014-15 में 112.7 अरब डॉलर के 18.94 करोड़ टन कच्चे तेल का आयात किया गया था। कच्चे तेल की कीमतों में आई जोरदार गिरावट का फायदा देश को मिला है।
2015 में 1.18 लाख करोड़ रुपए का तेल हुआ आयात
रुपए में कच्चे तेल का आयात 2015-16 में 4,18,931 करोड़ रुपए रहा, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 6,87,416 करोड़ रुपए रहा था। 2014-15 में भारत ने कच्चे तेल का आयात औसतन 84.16 डॉलर प्रति बैरल के मूल्य पर किया था, जबकि 2015-16 में यह घटकर सिर्फ 46.17 डॉलर प्रति बैरल रह गया।
बेनतीजा रही तेल उत्पादक देशों की बैठक कीमत में भारी गिरावट
दुनिया के प्रमुख तेल उत्पादक देशों की कतर में रविवार को हुई बैठक बेनतीजा रही। तेल उत्पादन को स्थिर करने के उद्देश्य से तेल निर्यातक और उत्पादक देशों ने यह बैठक बुलाई थी। बैठक के बाद कतर के ऊर्जा मंत्री मोहम्मद बिन सलेह अल सदा ने कहा कि ओपेक और गैर-ओपेक देश आपस में बातचीत के लिए ‘और समय’ चाहते हैं। वहीं रूस ने कहा कि वह कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ाएगा जिसकी वजह से सोमवार को कीमतों में 6.50 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।