नई दिल्ली। कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट का सिलसिला जारी है। 2016 के शुरूआत से अब तक कच्चा तेल करीब 20 फीसदी फिसल चुका है। एनालिस्ट 2016 के लिए कच्चे तेल की कीमतों के अनुमान में कटौती कर रहे हैं, वहीं ट्रेडर्स इसमें और गिरावट की आशंका जता रहे हैं। कच्चे तेल में गिरावट की प्रमुख वजह चीन में मंदी, ग्लोबल स्तर पर ओवर सप्लाई और डॉलर में मजबूती को माना जा रहा है। 2014 के मध्य से अब कच्चा तेल 70 फीसदी से अधिक सस्ता हो चुका है। स्टैंडर्ड चार्टर्ड के मुताबिक कच्चे तेल की कीमतें 10 डॉलर प्रति बैरल तक आ सकती हैं।
मिनरल वॉटर से भी सस्ता कच्चा तेल
डब्ल्यूटीआई क्रूड 1.50 फीसदी की गिरावट के साथ 31 डॉलर प्रति बैरल के नीचे कारोबार कर रहा है। साल के शुरूआत से अब तक इसमें 19 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। दूसरी ओर ब्रेंट क्रूड 31.40 डॉलर प्रति बैरल के आसपास है, जो कि 2004 के बाद का निचला स्तर है। इसमें करीब 20 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड की कीमतों में आई गिरावट के कारण भारतीय बास्केट में इसकी कीमत 2001.28 रुपए प्रति बैरल (159 लीटर) रह गई है। अगर आप इससे लीटर के हिसाब से आंके तो एक लीटर क्रूड ऑयल की कीमत 12.58 रुपए बैठती है, जबकि बाजार में मिनरल वॉटर 15-20 रुपए लीटर बिक रहा है।
एनालिस्ट घटा रहे हैं अपना अनुमान
गिरावट को देखते हुए एनालिस्ट अपना अनुमान घटा रहे हैं। सोमवार को बार्कलेज, मैक्वेरी, अमेरिका मेरिल लिंच, स्टैंडर्ड चार्टर्ड और सोसाइटी जेनरल सभी ने 2016 के लिए क्रूड ऑयल की कीमत के पूर्वानुमान में कटौती की है। बार्कलेज ने 2016 के लिए ब्रेंट और डब्ल्यूटीआई क्रूड के अनुमान को घटाकर 37 डॉलर कर दिया है, जो कि पहले क्रमश: 60 डॉलर और 56 डॉलर प्रति बैरल था।
10 डॉलर प्रति बैरल बिकेगा क्रूड ऑयल
स्टैंडर्ड चार्टर्ड को क्रूड में भारी गिरावट नजर आ रहा है। बैंक के मुताबिक क्रूड की कीमतें 10 डॉलर प्रति बैरल कर आ सकती हैं। स्टैंडर्ड चार्टर्ड ने कहा कि क्रूड की कीमतें फंडामेंटल नहीं वित्तीय प्रवाह के आधार पर कारोबार कर रहा है।