नई दिल्ली। पेट्रोल और डीजल की कीमतों में आने वाले समय में कटौती देखने को मिल सकती है। दरअसल कच्चे तेल की कीमतों में नरमी आना शुरू हो गयी है। तेल उत्पादक देशों की तरफ से उत्पादन बढ़ाने के साथ ब्रेंट क्रूड की कीमतों में आज 3 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली है, और ब्रेंट 71 डॉलर प्रति बैरल के स्तर के करीब आ गया है। जुलाई की शुरुआत के अपने उच्चतम स्तर से ब्रेट करीब 8 प्रतिशत टूट चुका है। कीमतों में यही रुख बना रहा तो जल्द पेट्रोल और डीजल कीमतों में नरमी आने की उम्मीद है। देश में बीते दो दिनों से तेल कीमतों में कोई बढ़त देखने को नहीं मिली है।
करीब डेढ़ महीने के निचले स्तरों पर कच्चा तेल
फिलहाल सितंबर 2021 कॉन्ट्रैक्ट के लिये ब्रेंट क्रूड 71 डॉलर प्रति बैरल के करीब कारोबार कर रहा है , जो कि जून की शुरुआत से अब तक के निचला स्तर है। इस अवधि के दौरान ब्रेंट क्रूड 77 डॉलर प्रति बैरल के स्तर से ऊपर पहुंच गया है। ये स्तर ब्रेंट ने 5 जुलाई को पार किया था। तब से अब तक ब्रेंट 7.8 प्रतिशत तक सस्ता हो चुका है। हालांकि इस दौरान रुपये मे कमजोरी भी देखने को मिली है, लेकिन उम्मीद है कि कच्चे तेल में नरमी के साथ पेट्रोल और डीजल कीमतों में नरमी भी देखने को मिलेगी। कोरोना की वजह से सरकार के पास तेल से आय में कटौती के सीमित विकल्प हैं। वहीं पेट्रोल और डीजल कीमतों में कटौती के चौतरफा दबाव को देखते हुए सरकार कच्चे तेल की कीमतों में नरमी आने पर उसका फायदा तुरंत ग्राहकों तक पहुंचा सकती है।
क्यों आई तेल कीमतों में गिरावट
तेल कीमतों में इस गिरावट के लिये ओपेक देशों के द्वारा कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ाने के समझौते पर पहुंचना है। बाजार में सप्लाई बढ़ने के अनुमान के साथ कीमतों में गिरावट देखने को मिली है। एक्सपर्ट्स अनुमान लगा रहे हैं कि सप्लाई बढ़ने के साथ कच्चे तेल की कीमतें और नीचे आ सकती हैं। समझौते के मुताबिक अगस्त से उसके उत्पादन में हर माह दैनिक 4,00,000 बैरल की बढ़ोतरी की जाएगी और इस तरह इस समय लागू 58 लाख बैरल/दैनिक की कटौती धीरे-धीरे 2022 के अंत तक समाप्त हो जाएगी।
भारत ने किया था कीमतों को नीचे लाने का अनुरोध
दुनिया के तीसरे सबसे बड़े तेल उपभोक्ता भारत के नए पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने पिछले हफ्ते ओपेक देशों को तेल की ऊंची कीमतों पर अपनी चिंता से अवगत कराया था। उन्होंने कहा था कि तेल की ऊंची कीमतों से विनाशकारी महामारी के बाद सुधरती अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने का खतरा है। नए पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने ओपेक के प्रमुख देशों को फोन कर उनसे भारत की यह इच्छा जताई कि उपभोक्ताओं को वहनीय दरों पर पेट्रोलियम ईंधन मिलना चाहिए। पुरी ने कतर और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के अपने समकक्षों से फोन पर बात करने के बाद पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) के शीर्ष देश सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री को फोन किया था।
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