नई दिल्ली। क्रेडिट कार्ड बिल भुगतान पर 2 लाख रुपए कीनगद लेन-देन की सीमा लागू नहीं होगी। इसके अलावा बैंकों द्वारा नियुक्त बैंक प्रतिनिधि तथा प्रीपेड उत्पाद जारी करने वालों पर भी यह सीमा लागू नहीं होगी।
वित्त कानून 2017 के तहत एक अप्रैल 2017 से 2 लाख रुपए या उससे अधिक के नगद लेन-देन पर पाबंदी है। हालांकि कुछ मामलों में छूट दी गई है। आयकर विभाग ने एक अधिसूचना के जरिये इस धारा से पांच इकाइयों को छूट दी है। इसमें बैंक या सहकारी बैंकों की तरफ से बैंक प्रतिनिधि द्वारा प्राप्त राशि, क्रेडिट कार्ड जारी करने वाली कंपनी या संस्थान द्वारा बिलों के भुगतान के एवज में प्राप्त रकम शामिल है।
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इसके अलावा धारा 269 एसटी के तहत प्री-पेड भुगतान के उत्पाद जारी करने वालों द्वारा एजेंट से प्राप्त रकम, खुदरा केंद्रों (आउटलेट) से व्हाइट लेबल एटीएम परिचालक द्वारा प्राप्त राशि तथा आयकर कानून, 1961 की धारा (17ए) के तहत कुल आय में शामिल नहीं होने वाली रकम को छूट दी गई है।
राजस्व विभाग ने कहा, अधिसूचना को एक अप्रैल 2017 से प्रभाव में माना जाएगा। अधिसूचना तीन जुलाई को जारी की गई। इससे पहले, विभाग ने कहा था कि दो लाख रुपए की नगद लेनदेन की सीमा सरकार, बैंक, डाकघर बचत जमा या सहकारी बैंकों द्वारा प्राप्ति पर लागू नहीं होगी।
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नानगिया एंड कंपनी के निदेशक शैलेष कुमार ने कहा कि इससे बैंक क्षेत्र तथा ग्रामीण क्षेत्रों को बड़ी राहत मिलेगी और इन उपयुक्त मामलों के समक्ष आने वाली कठिनाइयां दूर होंगी। उन्होंने कहा, कुछ उपयुक्त मामलों में राहत प्रदान करने के इरादे से यह कदम उठाया गया है, जो बैंकिंग एंड पेमेंट से संबद्ध अन्य विभिन्न सरकारी कानूनों के दायरे में आते हैं।
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