नई दिल्ली। एसबीआई की रिसर्च रिपोर्ट इकोरैप के अनुसार चालू वित्त वर्ष में खुदरा महंगाई दर 4.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है। रिपोर्ट में कहा गया कि मुद्रास्फीति ऊंची रहने की आशंका को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया लगता है। इस दौरान देश में कीमतों में नरमी बने रहने की उम्मीद है।
इकोरैप के अनुसार रिजर्व बैंक ने महंगाई दर के 4 से 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। लेकिन यह इससे कम रहेगा क्योंकि खुदरा महंगाई दर इस साल जुलाई तक 4 प्रतिशत के आंकड़े को शायद ही पार करे। उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक ने पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर पहली छमाही में 4-4.5 प्रतिशत जबकि दूसरी छमाही में इसके 4.5 से 5 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया है।
आधिकारिक आंकड़े के अनुसार ईंधन के दाम में कमी और रुपए की विनिमय दर में गिरावट से थोक मुद्रास्फीति मार्च में कम होकर 5.7 प्रतिशत रही। रिपोर्ट के अनुसार, ईंधन एवं बिजली मुद्रास्फीति और विनिर्माण उत्पादों के दाम में कमी से यह गिरावट आई। ईंधन के दाम में 31 मार्च को उल्लेखनीय कटौती हुई वहीं रुपए की विनिमय दर फरवरी 2017 से लगातार मजबूती में बनी हुई है। इन दो कारकों से ईंधन एवं विनिर्मित उत्पादों की कीमतें कम हुई हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2017-18 में औसतन खुदरा महंगाई दर गिरावट के साथ 4.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है। वहीं 2016-17 में यह औसतन 4.5 प्रतिशत रही थी। रिपोर्ट के मुताबिक कुल मिलाकर मुद्रास्फीति को लेकर आशंका को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया है और हम अगले एक-दो महीनों में महंगाई दर में नरमी देखेंगे।