नई दिल्ली। कोविडत्र-19 की दूसरी लहर घातक होती जा रही है और इस महामारी के खिलाफ लड़ाई में भारतीय औद्योगिक घराने पानी की तरह पैसा खर्च कर हर संभव मदद उपलब्ध कराने का प्रयास कर रहे हैं। टाटा समूह ने 60 क्रायोजेनिक ऑक्सीजन टैंकर विदेशों से विमान के जरिये लाने और करीब 400 ऑक्सीजन उत्पादन इकाइयां स्थापित करने की घोषणा की है। वहीं बजाज समूह ने 200 करोड़ रुपये की सहायता करने की प्रतिबद्धता जताई है।
टाटा समूह ने कहा कि इस ऑक्सीजन का उपयोग छोटे शहरों के अस्पतालों में किया जा सकता है। टाटा संस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह भी कहा कि समूह की विभिन्न कंपनियों ने मिलकर कोविड मरीजों के लिए करीब 5,000 बिस्तरों की व्यवस्था की है। समूह, खासकर अपने इंडियन होटल से जुड़े कुछ कर्मचारियों को प्रशिक्षण भी दे रहा है ताकि मरीजों की देखभाल के लिए कर्मचारियों की कमी न हो। समूह ने अपने कई होटलों को कोविड अस्पताल में तब्दील किया है। टाटा संस के अध्यक्ष (बुनियादी ढांचा, रक्षा एवं एयरोस्पेस और वैश्विक कंपनी मामले) बनमाली अग्रवाल ने कहा कि हम रोजाना करीब 900 टन ऑक्सीजन उपलब्ध करा रहे हैं। यह टाटा स्टील स्वयं कर रही है। टाटा स्टील में हमारे लोगों ने इसके परिवहन को एक समस्या के रूप में पहचाना है। हमें विशेष क्रायोजेनिक कंटेनरों की जरूरत है। भारत में यह नहीं है। अत: इसका दूसरे देशों से पता करके विमान के जरिये देश में लाना है।
उन्होंने कहा कि हमने चिन्हित किया है और ऐसे करीब 60 कंटेनर लाने की प्रक्रिया में है। उसमें से करीब 14 पहले ही लाए जा चुके हैं। कई आने वाले हैं। इस मामले में हम लिंडे जैसे अपने भागीदारों के साथ काम कर रहे हैं, जिनके साथ हमारा अच्छा संबंध है। अग्रवाल ने कंटेनर लाने के लिए वायुसेना का विमान उपलब्ध कराने को लेकर सरकार की सराहना की। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर काफी गंभीर और अचानक से आई है। इस मामले में यह अलग है।
अग्रवाल ने कहा कि ऑक्सीजन अभी भी चुनौती बनी हुई है। एक परिवहन की समस्या है और दूसरा ऑक्सीजन उत्पादन की। जब हम मझोले और छोटे शहरों (टियर 2 और टियर 3) तथा गांवों में जाते हैं, हमें अस्पतालों के लिए ऑक्सीजन उत्पादन को लेकर स्थानीय तौर-तरीकों की जरूरत होगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए समूह ने डीआरडीओ के साथ भागीदारी की है। इस भागीदारी के तहत हम ऑक्सीजन बनाने के संयंत्र के लिए डीआरडीओ के डिजाइन को अपनाएंगे। अग्रवाल ने कहा कि समूह की कंपनियां देश के समक्ष इस चुनौती से पार पाने के लिए एक साथ आई हैं। इंडियन होटल्स ने अपने कई होटलों के कमरों को कोविड अस्पताल में तब्दील किया है। इसमें 1,500 बिस्तर उपलब्ध हैं। इसके अलावा टाटा ट्रस्ट ने उन अस्पतालों के साथ मिलकर 1,500 और बिस्तरों की व्यवस्था की है, जो उनके साथ काम कर रहे हैं। इसके अलावा टाटा प्रोजेक्ट्स ने 400 बिस्तरों की व्यवस्था की है। ये बिस्तर नए निर्माण या मौजूदा अस्पतालों में सुधार कर जोड़े गए हैं। इसके अलावा टीसीएस करीब 16 शहरों में हैं। कंपनी के पास करीब 100-100 बिस्तरों की क्षमता वाले केंद्र हैं। इनमें ऑक्सीजन की भी पूरी व्यवस्था है। इन सबको मिलाकर समूह ने करीब 4,000 से 5,000 बिस्तरों की व्यवस्था की है।
बजाज समूह ने कोविड राहत के लिए 200 करोड़ रुपये की अतिरिक्त सहायता का वादा किया
पुणे स्थित बजाज समूह ने मंगलवार को कहा कि वह कोविड-19 महामारी संबंधी राहत उपायों के लिए 200 करोड़ रुपये की अतिरिक्त सहायता देगा। बजाज समूह ने एक बयान में कहा इस वित्तीय सहायता का इस्तेमाल तात्कालिक चुनौतियों के साथ ही किसी तीसरी लहर से निपटने के लिए क्षमताओं और संसाधनों को तैयार करने के लिए किया जाएगा। बयान में बताया गया कि यह राशि घातक महामारी के खिलाफ सरकार की लड़ाई में योगदान करने के लिए समूह द्वारा पिछले साल दान किए गए 100 करोड़ रुपये के अलावा होगी।
बजाज समूह के मानद चेयरमैन राहुल बजाज ने बयान में कहा कि महामारी की दूसरी लहर की गंभीरता को देखते हुए हमने 200 करोड़ रुपये की अतिरिक्त वित्तीय सहायता प्रतिबद्धता जताई है। समूह ने हाल में ग्रामीण और शहरी अस्पतालों को ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए 12 ऑक्सीजन संयंत्रों की खरीद में सहायता की है। साथ ही श्वसन सहायक उपकरण जैसे ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, वेंटिलेटर और बायपैप उपलब्ध कराने में भी मदद की है। बजाज ने कहा कि पिछले 130 वर्षों के दौरान बजाज समूह समुदायों, सरकार और स्थानीय अधिकारियों के साथ मजबूती से खड़ा रहा है, ताकि समाज में सकारात्मक बदलाव हो सके।
कोविड-19 के खिलाफ चल रही लड़ाई में हम सभी को पहले से कहीं अधिक सक्रियता के साथ आगे आने की जरूरत है। राहुल बजाज, 30 अप्रैल को बजाज ऑटो के चेयरमैन के पद से हट गए हैं। हालांकि, उन्हें समूह का मानद चेयरमैन बनाया गया है। वह एक मई 2021 से बजाज समूह के पांच साल के लिए मानद चेयरमैन बने रहेंगे।
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