नई दिल्ली। अमेरिका के केंद्रीय बैंक यूएस फेडरल रिजर्व ने कोरोना वायरस संकट से पीडि़त अमेरिकी अर्थव्यवस्था में जान फूंकने और मंदी के जोखिम को कम करने के लिए अप्रत्याशित कदम उठाते हुए ब्याज दरों को घटाकर प्रभावीरूप से शून्य कर दिया है। फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने रविवार को कहा कि ब्याज दर में कटौती और अन्य उठाए गए कदम अमेरिका को इस गंभीर वक्त में मदद करने के लिए हैं।
अन्य कदमों के रूप में फेडरल रिजर्व ने अमेरिकी अर्थव्यवस्था में 700 अरब डॉलर का निवेश करने की घोषणा भी की है, जिसके तहत 500 अरब डॉलर के सरकारी बांड खरीदे जाएंगे और 200 अरब डॉलर के मोर्टगेज सिक्यूरिटीज को खरीदा जाएगा। इस कदम से लंबी अवधि के ऋण की लागत घटने और हाउसिंग मार्केट पर दबाब कम होने की संभावना है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फेडरल रिजर्व के फैसलों की घोषणा के बाद पॉवेल को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह वाकई में अच्छी खबर है, यह हमारे देश के लिए बहुत अच्छा फैसला है। इससे पहले ब्याज दर न घटाने और प्रोत्साहन कदमों की घोषणा न करने के लिए ट्रंप ने पॉवेल की आलोचना की थी।
फेडरल रिजर्व ने 3 मार्च को ब्याज दर में 0.5 प्रतिशत की कटौती कर इसे 1 से 1.25 प्रतिशत कर दिया था लेकिन रविवार को 1 प्रतिशत की और कटौती के बाद अब अमेरिका में ब्याज दर घटकर 0 से 0.25 प्रतिशत की सीमा में रह गई हैं। पॉवेल ने अनुमान जताया कि कोरोना वायरस का निकट भविष्य में अर्थव्यवस्था पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ेगा।
फेडरल रिजर्व द्वारा उठाए गए कदमों का उद्देश्य ब्याज दर घटाकर बैंकों के जरिये उपभोक्ताओं और कारोबार को मदद पहुंचाना है और कोरोनावायरस की वजह से मंद पड़ती अर्थव्यवस्था में ऋण उपलब्धता को सुनिश्चित करना है।