नई दिल्ली। बुधवार को आई मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नकदी संकट से जूझ रहा पाकिस्तान देश में जानलेवा कोरोनावायरस को फैलने से रोकने के लिए अपने 270 सरकारी अस्पतालों और लैबोरेट्रीज की क्षमता बढ़ाने के लिए वर्ल्ड बैंक से 20 करोड़ डॉलर का ऋण लेने के लिए बातचीत कर रहा है। पाकिस्तान में अबतक 237 कोरोना संक्रमित मरीजों की पुष्टी हो चुकी है। इसके साथ ही मंगलवार को पाकिस्तान में कोरोना से पहली मौत का मामला भी सामने आया है।
सिंध प्रांत में हालत सबसे खराब है, यहां 172 मामले सामने आए हैं। इसके बाद पंजाब में 26, ख्यबर पखतुनख्वा में 16, बलूचिस्तान में 16, गिलगिट-बालटिस्तान में 5 और इस्लामाबाद में 2 मामले सामने आए हैं।
एक्सप्रेस ट्रिब्यून की खबर के मुताबिक योजना आयोग के उपाध्यक्ष के नेतृत्व में एक कॉन्सेप्ट क्लियरेंस कमेटी ने सोमवार को कोविड-19 के लिए तैयारी और जवाबदेही परियोजना को मंजूरी दी है। इस स्थिति में पाकिस्तान सरकार विश्व बैंक से 14 करोड़ डॉलर का ऋण चाहती है, जिसे वह बाद में 20 करोड़ डॉलर तक बढ़ा सकती है।
सरकारी अधिकारियों के अनुसार, इस परियोजना के अनुमोदन के बाद पहले से स्वीकृत विश्व बैंक के कुछ ऋण को महामारी से लड़ने के लिए उपयोग करने की योजना को इस सप्ताह अंतिम रूप दिया जाएगा। वर्ल्ड बैंक के स्थानीय प्रवक्ता मरियम अलताफ ने कहा कि पाकिस्तान सरकार और विश्व बैंक कोरोनावायरस से निपटने के लिए 10 से 20 करोड़ डॉलर के ऋण के लिए बातचीत कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री इमरान खान ने मंगलवार को कहा कि यदि कोरोनावायरस तेजी से फैलता है तो पाकिस्तान के पास इतनी क्षमता और संसाधन नहीं हैं कि वह इस महामारी से निपट सके। उन्होंने कहा कि महामारी से लड़ने के लिए पाकिस्तान के पास संसाधनों की भारी कमी है और यदि वायरस तेजी से फैलता है तो हमारा सार्वजनिक स्वास्थ तंत्र बड़ी संख्या में मरीजों को संभालने में सक्षम नहीं है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख ने सभी देशों से महामारी को रोकने के लिए अधिकांश जनसंख्या का परीक्षण करने को कहा है, जबकि पाकिस्तान ने सुविधा और संसाधनों की कमी के चलते अभी तक इस रणनीति को नहीं अपनाया है।