नयी दिल्ली। रोजमर्रा के उपभोक्ता उत्पाद बनाने वाली प्रमुख कंपनी नेस्ले इंडिया लॉकडाउन (सार्वजनिक पाबंदी) के दौरान जरूरतमंद लोगों को अनिवार्य वस्तुएं उपलब्ध कराएगी। कंपनी ने इसके लिए शनिवार को 15 करोड़ रुपये का दान देने की घोषणा की। कंपनी ने एक बयान में कहा कि इस राशि से अस्पतालों को कोरोना वायरस से निपटने में आवश्यक चिकित्सा उपकरण की खरीद में भी मदद की जाएगी। कंपनी ने दिल्ली-एनसीआर में वेंटिलेटरों की खरीद के लिए नारायण हृदयालय फाउंडेशन को पहले ही एक करोड़ रुपये का अनुदान किया है।
कंपनी ने कहा, 'हम समाज के निचले तबके को खाना उपलब्ध कराने के लिए शुरुआत में 15 करोड़ रुपये का दान देने को प्रतिबद्ध हैं। इसके लिए हम विश्वसनीय गैर-सरकारी संगठनों की मदद से जरूरतमंद लोगों तक किराना सामग्री पहुंचाएंगे।' कंपनी ने अपने ब्रांड से जुड़ा सामान स्थानीय प्रशासन को उपलब्ध कराना शुरू कर दिया है। कोरोना वायरस के सामुदायिक फैलाव को रोकने के लिए देश में 14 अप्रैल तक की सार्वजनिक पाबंदी लगायी गयी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक देश में कोरोना वायरस मामलों की संख्या 2,902 पहुंच गयी है। जबकि इससे मरने वालों का आंकड़ा 68 का है।
35 करोड़ रुपए का योगदान देगा सीके बिड़ला समूह
सीके बिड़ला समूह ने कोरोना वायरस से लड़ाई के लिए 35 करोड़ रुपये का योगदान देने की घोषणा की है। सीके बिड़ला समूह ने शनिवार को एक बयान में कहा कि इस महामारी से लड़ाई में सहयोग के लिए वह पीएम केयर्स कोष में 25 करोड़ रुपये देगा। शेष राशि राज्य सरकारों को मदद और चिकित्सा उपकरणों की आपूर्ति के लिए दी जाएगी। बयान में कहा गया है कि सीके बिड़ला समूह, अमिता और सीके बिड़ला ने कोविड-19 से लड़ाई के लिए सरकार को 35 करोड़ रुपये का योगदान देने की प्रतिबद्धता जताई है। इसमें से 25 करोड़ रुपये की राशि पीएम केयर्स कोष में दी जाएगी। बयान में कहा गया है कि कोलकाता और जयपुर में समूह के स्वामित्व वाले अस्पताल संबंधित राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। इसके अलावा समूह की कंपनियों के कर्मचारी भी स्वैच्छक रूप से इस कोष में योगदान कर रहे हैं।
सीडब्ल्यूसी ने पीएम-केयर्स कोष में 5.65 करोड़ रुपये दिए
सार्वजनिक क्षेत्र की केंद्रीय भंडारण निगम (सीडब्ल्यूसी) ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई के लिए पीएम-केयर्स कोष में 5.65 करोड़ रुपये का योगदान दिया है। उपभोक्ता मामलों तथा खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के तहत आने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई सीडब्ल्यूसी ने शनिवार को बयान में कहा कि उसने पीएम-केयर्स कोष में 5.65 करोड़ रुपये दिए हैं। मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि इसमें से पांच करोड़ रुपये सीएसआर कोष से दिए गए हैं। शेष 65.42 लाख रुपये कर्मचारियों की ओर से दिए गए हैं। कर्मचारियों ने स्वैच्छिक रूप से अपना एक दिन का वेतन कोष में दिया है।