नयी दिल्ली। कोरोना वायरस के चलते संकट का सामना कर रही घरेलू विमानन कंपनियों को 2020 की पहली तिमाही में बड़े नुकसान की संभावना है। शुरुआती कदम के तौर पर कंपनियां 150 विमानों के उड़ान भरने पर रोक लगा सकती हैं। विमानन सलाहकार कंपनी सीएपीए इंडिया ने बुधवार को अपनी रपट में कहा कि एअर इंडिया को छोड़कर बाकी अन्य कंपनियों को जनवरी-मार्च तिमाही में 50 से 60 करोड़ डॉलर का एकीकृत घाटा होने का अनुमान है। रपट में कहा गया है कि कुछ विमानन कंपनियां अपने परिचालन को अस्थायी तौर पर बंद कर सकती हैं या इसे मांग के आधार पर तय कर सकती हैं। यदि वह लगातार परिचालन करती हैं तो उन्हें काफी नुकसान होगा।
मांग में कमी का हवाला देते हुए रपट में कहा गया है कि भारतीय विमानन कंपनियां शुरुआती स्तर पर करीब 150 विमानों को परिचालन से रोक सकती हैं। आने वाले हफ्तों में इनकी संख्या में और बढ़ सकती हैं। वर्तमान में छह बड़ी घरेलू विमानन कंपनियों के पास करीब 650 विमानों का बेड़ा है। इस बीच सरकार के संयुक्त अरब अमीरात से आने वाले हर यात्री के लिए 14 दिन अलग रहना अनिवार्य बनाए जाने के बाद एतिहाद एयरलाइंस ने भारत के लिए अपनी उड़ानें कम करने की घोषणा की है।
कंपनी की अबू धाबी-दिल्ली उड़ान अब 19 मार्च से 28 मार्च के बीच दिन में चार के बजाय तीन बार उड़ान भरेगी। वहीं अबू धाबी-मुंबई उड़ान 19 मार्च से 30 अप्रैल के बीच दिन में चार के बजाय तीन दिन और अबू धाबी-बेंगलुरु उड़ान 20 मार्च से 30 अप्रैल के बीच दिन में दो के बजाय एक बार उड़ान भरेगी। वहीं गोएयर ने घोषणा की है कि इस साल जो ग्राहक एक मार्च से 15 अप्रैल के बीच अपनी टिकट बुक करा रहे हैं उन्हें ना तो अपनी यात्रा की तारीख बदलने की और ना ही उसे रद्द करने की जरूरत है। ग्राहक इस टिकट की राशि पर अगले साल 15 अप्रैल 2020 से 15 अप्रैल 2021 के बीच टिकट बुक करा सकेंगे।
36 देशों से आने वाले यात्रियों के प्रवेश पर अस्थायी रोक
भारत ने 36 देशों से आने वाले यात्रियों के भारत में प्रवेश पर अस्थायी रूप से प्रतिबंध लगा दिया है। इसके अलावा 11 देशों से आने वाले यात्रियों को अनिवार्य रूप से क्वारंटाइन किया जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि प्रतिबंधित देशों को छोड़कर अन्य देशों से आने वाले ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया (ओसीआइ) कार्ड धारकों को भारत आने की अनुमति है, लेकिन उन्हें भारतीय मिशन से नए सिरे से वीजा हासिल करना होगा।
गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि आस्ट्रेलिया, बेल्जियम, बुल्गारिया, क्रोएशिया, साइप्रस, चेक गणराज्य, डेनमार्क, एस्टोनिया, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, ग्रीस, आइसलैंड, हंगरी, आयरलैंड, इटली, लाटविया, लिचेंस्टीन, लिथुआनिया, लक्जमबर्ग, माल्टा, नीदरलैंड, नार्वे, पोलैंड, पुर्तगाल, रोमानिया, स्लोवाकिया, स्लोवेनिया, स्पेन, स्वीडन, स्विटजरलैंड, तुर्की और ब्रिटेन से कोई एयरलाइन यात्रियों को लेकर नहीं आएगी। फिलीपींस, मलेशिया और अफगानिस्तान से यात्रियों को लाने पर भी एयरलाइनों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
प्रवक्ता ने कहा कि इन देशों से कोई ट्रांजिट नहीं होगा और न ही इन देशों से कोई भी विमान यात्रियों को लेकर भारत आएगा। यूएई, कतर, ओमान और कुवैत से आने वाले या ट्रांजिट करने वाले यात्रियों को अनिवार्य रूप से क्वारंटाइन में जाना होगा। इसके अलावा 15 फरवरी से पहले चीन, कोरिया गणराज्य, ईरान, इटली, स्पेन, फ्रांस और जर्मनी की यात्रा करने वालों को क्वारंटाइन में भेजा जाएगा।
कोरिया गणराज्य या इटली से आने वाले भारतीयों को अनिवार्य रूप से कोविड-19 निगेटिव प्रमाणपत्र लाना होगा। इटली से आने वाले यात्री को प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। चीन, कोरिया, ईरान, इटली, स्पेन और फ्रांस के जरिये ट्रांजिट करने वाले भारतीयों को भारत आने पर अनिवार्य रूप से क्वारंटाइन में जाना होगा। प्रवक्ता ने कहा कि भारतीयों को सख्ती से सलाह दी जाती है कि वे कोरोना वायरस प्रभावित देशों की गैरजरूरी यात्रा न करें। इस समय जो विदेशी भारत में हैं वे अपनी वीजा अवधि बढ़वा सकते हैं। वे भारत से बाहर भी जा सकते हैं, लेकिन भारत लौटने के लिए उन्हें नए सिरे से वीजा हासिल करना होगा।