नई दिल्ली। घरेलू शेयर बाजार पर इस सप्ताह भी कोरोना के कहर का साया बना रहेगा, क्योंकि लॉकडाउन खुलने के बाद देश में वायरस संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। वहीं, बीते सप्ताह जारी हुए देश के औद्योगिक उत्पादन के खराब आंकड़ों और आगे जारी होने वाले प्रमुख आर्थिक आंकड़ों का शेयर बाजार पर असर देखने को मिल सकता है। इसके अलावा, विदेशी कारकों से भी शेयर बाजार की चाल प्रभावित होगी। देश में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामले बढ़कर तीन लाख से अधिक हो चुके हैं और इस महामारी में 9000 से ज्यादा लोगों की जानें जा चुकी हैं। कोरोना संक्रमण का प्रकोप गहराने से आर्थिक गतिविधियां फिर चरमराने का अंदेशा बना हुआ है।
उधर, राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय यानी एनएसओ द्वारा बीते कारोबारी सप्ताह के आखिर में जारी हुए देश के औद्योगिक उत्पादन के अप्रैल महीने के आंकड़े खराब रहे हैं। एनएसओ के आंकड़ों के अनुसार अप्रैल में औद्योगिक उत्पादन में 55.5 फीसदी की गिरावट रही। जाहिर है कि लॉकडाउन के कारण आवश्यक वस्तुओं की उत्पादन इकाइयों के अलावा तमाम फैक्टरियां बंद थीं। वहीं, बीते महीने मई में खाने-पीने की चीजों की महंगाई 9.69 फीसदी रही। इस सप्ताह के आरंभ में सोमवार को ही मई महीने की थोक महंगाई दर के आंकड़े जारी होंगे।
भारतीय शेयर बाजार को हालांकि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का भाव, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल और विदेशी बाजारों से मिलने वाले संकेतों से दिशा मिलेगी और बाजार की नजर विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के साथ-साथ घरेलू संस्थागत निवेशकों के निवेश के प्रति रुझानों पर होगी।
कारोबारी सप्ताह के दौरान कुछ प्रमुख कंपनियां बीते वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही के अपने वित्तीय नतीजे जारी करेंगी जिनमें टाटा मोटर्स के वित्तीय नतीजे सोमवार को ही जारी होंगे जबकि हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन मंगलवार को अपने वित्तीय नतीज जारी करेंगी।
उधर, चीन में मई महीने के औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े सोमवार को जबकि अमेरिकी के मई महीने के औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े मंगलवार को जारी होंगे। इसके अलावा कई देशों में जारी होने वाले प्रमुख आर्थिक आंकड़ों का असर इस सप्ताह शेयर बाजार पर देखने को मिल सकता है।