मुंबई। अदालत ने एफटीआईएल के संस्थापक जिग्नेश शाह को 18 जुलाई तक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में आज भेज दिया। शाह को नेशनल स्पॉट एक्सचेंज लि. में 5,600 करोड़ रुपए के घोटाला मामले में गिरफ्तार किया गया है। ईडी ने शाह को मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक कानून (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किया। जांच एजेंसी ने कहा कि वह जांच में सहयोग नहीं दे रहे थे। पिछले साल प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दाखिल पहले आरोपपत्र में शाह का नाम था।
ईडी के वकील हितेन वेनगांवकर ने दलील दी कि नये साक्ष्य सामने आए हैं जिससे शाह के मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल होने का संकेत मिलता है। उन्होंने कहा कि इसीलिए ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग की शिकायत दर्ज कराने का इरादा किया है जिसके लिये उन्हें आठ दिन में हिरासत में रखे जाने की जरूरत है। शाह के वकील अबद पोंडा ने ईडी के हिरासत में लिये जाने के अनुरोध वाली अर्जी का विरोध किया।
पोंडा ने कहा कि शाह को एनएसईएल मामले में पूर्व में गिरफ्तार किया गया था और बाद में उन्हें जमानत मिल गई। जांच पूरी हो चुकी है और जो तथ्य सामने आये हैं, उसमें नया कुछ भी नहीं है। हालांकि ईडी के वकील ने कहा कि पूछताछ के दौरान शाह ने कोई जवाब नहीं दिया और जांच अधिकारी ने उनसे पूछताछ बंद कर दी। आगे की जांच के लिये उन्हें हिरासत में लिया जाना जरूरी है।