नई दिल्ली। शराब कारोबारी विजय माल्या की 4,200 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क करने के प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के आदेश को एक विशेष अदालत ने अनुमति दे दी है। इससे एजेंसी के लिये कुर्की का रास्ता साफ हो गया है।
सिंतबर में ईडी ने दिया था कुर्की का आदेश
- पिछले साल सितंबर में ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग रोधक कानून (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत आदेश जारी करते हुए विभिन्न संपत्तियों की कुर्की का आदेश दिया है।
- इनमें फ्लैट, फार्म हाउस, शेयर और मियादी जमा (एफडी) शामिल हैं।
- ये संपत्तियां माल्या और उनकी सहयोगी कंपनियों के नाम हैं।
- केंद्रीय जांच एजेंसी ने इससे पहले कहा था कि इन संपत्तियों का बाजार मूल्य 6,630 करोड़ रुपए है।
- इनकी बुक वैल्यू 4,234.84 करोड़ रुपए है।
पीएमएलए के निर्णायक प्राधिकरण के सदस्य (विधि) तुषार वी शाह ने कहा कि ये संपत्तियां मनी लॉन्ड्रिंग का हिस्सा हैं। ऐसे में इन संपत्तियों की पीएमएलए की धारा की उपधारा (1) के तहत कुर्की की पुष्टि की जाती है। प्रवर्तन निदेशालय अब इन संपत्तियों की कुर्की करेगा।
जानिए क्या है पूरा मामला
- एजेंसी का आरोप है कि ये संपत्तियां आपराधिक गतिविधियों से सृजित हुई हैं।
- एजेंसी ने दावा किया कि माल्या ने किंगफिशर एयरलाइंस और यूनाइटेड ब्रूवरीज होल्डिंग्स के साथ मिलकर आपराधिक साजिश की और बैंकों के गठजोड़ से कर्ज हासिल किया।
- इस कुल राशि में से 4,930.34 करोड़ रुपए के मूल का अभी भुगतान नहीं किया गया है।
- पीएमएलए के तहत ईडी द्वारा जारी कुर्की आदेश का मकसद आरोपी को अपनी गलत तरीके से जुटाई गई संपत्ति का लाभ लेने से रोकना है।
- इसे संबंधित पीएमएलए प्राधिकरण के समक्ष 180 दिन के भीतर चुनौती दी जा सकती है।