नई दिल्ली। देश में फास्ट फूड का बाजार अगले पांच साल के दौरान 2020 तक 25,000 करोड़ रुपए तक पहुंचने का अनुमान है। वर्तमान में इस बाजार का आकार 8500 करोड़ रुपए है। घर से बाहर खाना खाने की बढ़ती आदत ही फास्ट फूड बाजार के तेजी से बढ़ने की प्रमुख वजह है। तेजी से बढ़ते इस बाजार में अब छोटे-छोटे स्टार्टअप को फंडिंग भी मिलने लगी है। दिल्ली के एक ऑनलाइन रेस्टॉरेंट ने हाल ही में एक करोड़ रुपए का फंड हासिल किया है।
25 फीसदी की दर से हो रही है वृद्धि
उद्योग मंडल एसोचैम के एक ताजा सर्वे में कहा गया है कि देश में चाऊमीन, पिज्जा जैसे फास्ट फूड बेचने वाले रेस्टॉरेंट यानी क्विक सर्विस रेस्टॉरेंट (क्यूएसआर) का बाजार हर साल 25 फीसदी की दर से बढ़ रहा है और अगले पांच साल में तीन गुना बढ़कर 25000 करोड़ रुपए होने का अनुमान है। वर्तमान में इस बाजार का आकार 8500 करोड़ रुपए है। सर्वे के अनुसार क्यूएसआर सेगमेंट में विभिन्न घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के आने से बाजार बढ़ा है। इसका कारण मध्यम वर्ग की बढ़ती जनसंख्या, शहरीकरण, युवाओं द्वारा खर्च, छोटे परिवार तथा बेहतर लॉजिस्टिक्स है।
हर महीने आठ बार बाहर का खाना
एसोचैम के महासचिव डीएस रावत ने कहा कि देश की आबादी का करीब 50 फीसदी लोग प्रत्येक तीन महीने में कम-से-कम एक बार बाहर खाना खाने जाती है। वहीं महानगरों में हर महीने आठ बार लोग बाहर का खाना खाते हैं। अमेरिका में यह आंकड़ा 14 बार, ब्राजील में 11 बार, थाइलैंड में 10 बार तथा चीन में नौ बार है।
ऑनलाइन रेस्टॉरेंट भी बने निवेशकों की पसंद
दिल्ली स्थित लीपिंग कैरावैन नामक ऑनलाइन रेस्टॉरेंट ने फंडिंग के पहले चरण में एक करोड़ रुपए की राशि जुटाई है। यह रेस्टॉरेंट दिल्ली और गुड़गांव में कॉरपोरेट कस्टमर्स को भारतीय व्यंजन उपलब्ध कराता है। रेस्टॉरेंट की संस्थापक और सीईओ मेघा तुली ने कहा कि इस फंड की मदद से उन्हें अपना बिजनेस मासिक आधार पर 50 फीसदी की दर से बढ़ाने में मदद मिलेगी। इस फंड का उपयोग विस्तार, मार्केटिंग, टेक्नोलॉजी सुधार, कर्मचारी और अपग्रेडेशन पर किया जाएगा। वर्तमान में इसे प्रतिदिन 30 ऑर्डर मिलते हैं, जिसे आगे बढ़ाकर 100 ऑर्डर प्रतिदिन करने का लक्ष्य रखा गया है। 70 फीसदी ऑर्डर वेबसाइट के जरिये हासिल होते हैं, जिसमें से 60 फीसदी ग्राहक कॉरपोरेट्स हैं।
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