पुणे। पूर्ववर्ती योजना आयोग के पूर्व डिप्टी चेयरमैन मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने रविवार को कहा कि देश की अर्थव्यवस्था ने धीरे-धीरे उबरना शुरू कर दिया है। भारत की अर्थव्यवस्था में कोरोना वायरस महामारी की शुरुआत होने के पहले से ही नरमी आने लगी थी। महामारी के चलते लॉकडाउन लगाए जाने के बाद चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में घरेलू अर्थव्यवस्था में 23.9 प्रतिशत की भारी-भरकम गिरावट दर्ज की गई थी। हालांकि इसके बाद दूसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था ने तेज वापसी की और गिरावट की दर कम होकर 7.5 प्रतिशत रह गई। अहलूवालिया ने कहा कि महामारी के चलते लॉकडाउन जरूरी हो गया था और उसके चलते हम पहली तिमाही में चोटी से फिसल गए। अब अर्भव्यवस्था वापस चढ़ रही है। मुझे लगता है कि यह क्रमिक सुधार है, लेकिन स्पष्ट है कि सुधार हो रहा है।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा जारी राष्ट्रीय आय के पहले अग्रिम अनुमानों के अनुसार, देश की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में चालू वित्त वर्ष (2020-21) के दौरान रिकॉर्ड 7.7 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान है। अहलूवालिया ने कहा कि विनिर्माण क्षेत्र ठीक हो रहा है और 2019-20 की स्थिति में वापस आ गया है। हालांकि, होटल, रेस्तरां, यात्रा, पर्यटन और मॉल में खुदरा खरीदारी जैसे क्षेत्र बुरी तरह से प्रभावित हैं। इन्हें सामान्य स्थिति में लौटने में कुछ समय लगेगा। उन्होंने कहा कि देश में बुनियादी ढांचा अभी भी पीछे है और अगली कुछ तिमाहियों में इस क्षेत्र में निवेश बढ़ाने की तत्काल आवश्यकता है। अहलूवालिया ने लघु उद्योगों को ऋण सहायता प्रदान करने के लिये सरकार और रिजर्व बैंक की सराहना की।
उन्होंने कहा कि जोखिम के प्रति अधिक सजग बन चुके बैंकों से पर्याप्त पूंजी उपलब्धता के अभाव में अगले वित्त वर्ष में इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में प्राइवेट कंपनियों द्वारा किए जाने वाले निवेश में बहुत अधिक गिरावट देखने को मिल सकती है। इस वजह से अगले साल सरकार को इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में बहुत अधिक खर्च करने की जरूरत होगी। उन्होंने कहा कि सड़क और रेलवे ऐसे क्षेत्र हैं, जहां सरकार को सबसे ज्यादा खर्च करने की आवश्यकता है।