नई दिल्ली। आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने गुरुवार को कहा कि नोटबंदी के बाद बैंकों में जमा किए गए पुराने नोटों की गिनती अभी जारी है और इसके खत्म होने में अभी कुछ और महीने लगेंगे। उन्होंने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक इनकी गिनती कर रहा है और भौतिक सत्यापन के बाद ही सही आंकड़ा सामने रखा जाएगा। इस पूरी प्रक्रिया में कुछ महीने का वक्त लगेगा।
शक्तिकांत दास ने एक टीवी को दिए साक्षात्कार में कहा, मैं उम्मीद करता हूं कि अगले कुछ महीनों में नोट गिनने की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। आरबीआई की गिनने की क्षमता सामान्य स्थिति के मुताबिक है। लेकिन, यहां नोटबंदी के बाद प्रचलन में रहे 86 फीसदी नोट गिनने की जरूरत आ पड़ी है।
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दास ने आगे कहा कि काउंटिंग क्षमता की कुछ सीमाएं हैं, इसलिए इसमें समय लग रहा है। मैं इसके लिए कोई निश्चित समय नहीं बता सकता। हम केवल आरबीआई द्वारा इस प्रक्रिया को पूरा करने का इंतजार कर सकते हैं। दास जापान में आयोजित हो रही एशियन डेवलपमेंट बैंक के 50वीं वार्षिक बैठक में भाग लेने गए हुए हैं।
उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रालय ने आरबीआई के साथ चर्चा के बाद कुछ ऐसे क्षेत्रों की पहचान की है जहां नोटों की दो बार गिनती हो सकती है क्योंकि करेंसी को बैंक ब्रांच से उसके रीजनल ऑफिस भेजा गया और फिर वहां से इसे करेंसी चेस्ट और फिर आरबीआई के पास भेजा गया।
उन्होंने कहा कि यह निर्णय लिया गया है कि प्राप्त हुए नोटों का भौतिक सत्यापन के लिए इनकी भौतिक गिनती की जानी चाहिए। नोटों की गिनती का कार्य बहुत बड़ा कार्य था। दास ने बताया कि आरबीआई ने अपनी सभी काउंटिंग मशीनों को इस काम में लगाया है। वर्तमान में आरबीआई के कर्मचारी ओवरटाइम कर रहे हैं। आरबीआई गिनती प्रक्रिया की गति बढ़ाने के लिए अतिरिक्त काउंटिंग मशीन पाने की संभावना भी तलाश रहा है।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 8 नवंबर को 500 और 1000 रुपए के नोटों को चलन से बाहर करने की घोषणा की थी। 30 दिसंबर 2016 तक इन बंद हुए नोटों को बैंक में जमा कराया जाना था, हालांकि पुराने नोट जमा कराने की सुविधा एनआरआई के लिए 30 जून 2017 तक उपलब्ध है।