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राज्यों के लिए कर्ज लेना महंगा हुआ, ऋण की लागत बढ़कर 2 माह के उच्चस्तर पर

चालू ऋण सत्र की दूसरी छमाही की पहली नीलामी के दौरान 17 राज्यों ने मंगलवार को साप्ताहिक नीलामियों में 22,809 करोड़ रुपये जुटाए।

Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: October 06, 2021 8:42 IST
राज्यों के लिए कर्ज...- India TV Paisa
Photo:PTI

राज्यों के लिए कर्ज लेना महंगा हुआ, ऋण की लागत बढ़कर 2 माह के उच्चस्तर पर 

मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा से पहले राज्यों की कर्ज की लागत 0.06 प्रतिशत बढ़कर दो माह के उच्चस्तर 6.91 प्रतिशत पर पहुंच गई है। माना जा रहा है कि केंद्रीय बैंक मौद्रिक समीक्षा में प्रणाली से अतिरिक्त नकदी हटाकर उदार मौद्रिक नीति को सामान्य करने की शुरुआत कर सकता है। 

चालू ऋण सत्र की दूसरी छमाही की पहली नीलामी के दौरान 17 राज्यों ने मंगलवार को साप्ताहिक नीलामियों में 22,809 करोड़ रुपये जुटाए। यह अधूसचित राशि से 55 करोड़ रुपये ऊपर है। गुजरात ने जहां अतिरिक्त 500 करोड़ रुपये स्वीकार किए, वहीं पंजाब ने अधिसूचित 500 करोड़ रुपये में से सिर्फ 55 करोड़ रुपये स्वीकार किए। 

विभिन्न राज्यों और परिपक्वताओं के बीच कर्ज की औसत भारित लागत बढ़कर दो माह के उच्चस्तर 6.91 प्रतिशत पर पहुंच गई, जो पिछले सप्ताह की तुलना में 0.06 प्रतिशत अधिक है। केयर रेटिंग्स के एक नोट में कहा गया है कि इससे आज नीलामी के लिए रखे गए 10 साल के सरकारी बांड तथा 10 साल के जी-सेक (सरकारी प्रतिभूति) के बीच अंतर बढ़कर 0.68 प्रतिशत हो गया, जो एक सप्ताह पहले 0.65 प्रतिशत था। 

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