नई दिल्ली। भारतीय कंपनियों ने इस साल जनवरी से सितंबर की अवधि के दौरान कॉरपोरेट बांड के निजी नियोजन से 5.52 लाख करोड़ रुपए जुटाए हैं। यह पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 19 प्रतिशत अधिक है। प्राइम डाटाबेस की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। कंपनियां इस राशि का इस्तेमाल अपने कारोबार की जरूरत को पूरा करने के लिए करेंगी।
मुख्यरूप से यह राशि कारोबारी योजना के विस्तार, ऋण के पुनर्भुगतान और कार्यशील पूंजी की जरूरतों को पूरा करने के लिए जुटाई गई है। बांड के निजी नियोजन में कंपनियां संस्थागत निवेशकों को प्रतिभूतियां या बांड जारी कर पूंजी जुटाती हैं। रिपोर्ट के अनुसार चालू साल के पहले नौ माह में 569 संस्थानों और कंपनियों ने 5.52 लाख करोड़ रुपए जुटाए हैं। इससे पिछले साल की समान अवधि में कंपनियों ने बांड के निजी नियोजन से 4.65 लाख करोड़ रुपए जुटाए थे।
प्राइम डाटाबेस के अध्यक्ष संजीव खंडेलवाल ने कहा कि इसमें उल्लेखनीय वृद्धि की वजह निजी क्षेत्र की कंपनियों का योगदान है। निजी क्षेत्र ने इस अवधि में 3.42 लाख करोड़ रुपए जुटाए, जबकि सरकारी संगठनों ने 2.09 लाख करोड़ रुपए जुटाए। सबसे ज्यादा राशि वित्तीय सेवा क्षेत्र ने जुटाई। कुल जुटाई गई राशि का 68 प्रतिशत या 3.78 लाख करोड़ रुपए वित्तीय सेवा क्षेत्र ने जुटाया।
इसके बाद बिजली क्षेत्र ने 45,621 करोड़ रुपए जुटाए। इस अवधि में एचडीएफसी ने 42,891 करोड़ रुपए, एनएचएआई ने 33,550 करोड़ रुपए, पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन ने 32,266 करोड़ रुपए, नाबार्ड ने 24,530 करोड़ रुपए और एलआईसी हाउसिंग ने 19,445 करोड़ रुपए जुटाए हैं।