नई दिल्ली। इस बार दिवाली पर आप अपनी कंपनी से अच्छे गिफ्ट की उम्मीद न करें तो बेहतर होगा। क्योंकि ग्रोथ में अनिश्चित रिकवरी और कमजोर मानसून की वजह से आवश्यक कमोडिटीज की कीमतों में वृद्धि के कारण सभी सेक्टर में कंपनियों ने इस बार दिवाली पर अपने कॉरपोरेट गिफ्ट बजट में 20 फीसदी तक कटौती करने का फैसला किया है।
एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (एसोचैम) के एक ताजा सर्वे में कहा गया है कि रुपए में कमजोरी, कमजोर उपभोक्ता मांग से सुस्त बिक्री, वेतन वृद्धि और वैश्विक बाजारों में उथल-पुथल कुछ ऐसे प्रमुख कारण हैं, जिनकी वजह से भारतीय कंपनियों को इस बार अपने दिवाली गिफ्ट बजट में मजबूरन कटौती करनी पड़ी है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कॉस्ट ऑफ लिविंग और खाद्य पदार्थों की कीमतें आय की तुलना में अधिक बढ़ने से इस बार त्योहारी सीजन के दौरान होने वाले उपभोक्ता खर्च को भी घटा सकती हैं।
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एसोचैम के सेक्रेटरी जनरल डीएस रावत ने कहा कि पिछले साल नई सरकार बनने से देश में आशावाद और उपभोक्ता विश्वास दोनों में वृद्धि हुई थी। कारोबार माहौल में सुधार की वजह से कंपनियों ने पिछले साल अपने दिवाली गिफ्ट बजट में 10-15 फीसदी की वृद्धि की थी। लेकिन इस बार ऐसा नहीं है। सरकार आर्थिक ग्रोथ के लिए संघर्षरत है और ट्रेड व इंडस्ट्री के लिए निकट भविष्य में सुधार होता हुआ नहीं दिखाई पड़ रहा है।
कमजोर मानसून की वजह से दाल, खाद्य तेल और अन्य खाद्य पदार्थों की आसमान छूती कीमतों ने उपभोक्ताओं की जेब भी भारी कर दी है, जिसकी वजह से इस बार त्योहारी सीजन पर उपभोक्ता वस्तुओं की मांग कम ही रहने की संभावना है। सर्वे में एसोचैम ने ऑटोमोबाइल, बायोटेक्नोलॉजी, बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विसेस, इंश्योरेंस, एनर्जी, फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स, इंनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, फार्मास्यूटिकल, रियल एस्टेट जैसे सेक्टर के 1000 कर्मियों और 500 कंपनियों के प्रतिनिधियों से बातचीत की। यह सर्वे अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, दिल्ली-एनसीआर, हैदराबाद, इंदौर, कोलकाता, लखनऊ, मुंबई और पुणे में किया गया।
500 कंपनियों के प्रतिनिधियों मे से आधे से अधिक ने कहा कि इस बार उन्होंने पिछले साल की तुलना में दिवाली गिफ्ट बजट में 20 फीसदी तक कटौती करने की योजना बनाई है। अन्य ने कहा कि उन्होंने इस बार केवल अच्छा प्रदर्शन करने वाले कर्मचारी और प्रीमियम उपभोक्ता को ही दिवाली गिफ्ट देने की योजना बनाई है। कंपनियों ने मुनाफे में कमी, कमजोर मानसून, वैश्विक मंदी, घरेलू निवेश में कमी, ऊंची कीमतें, ब्याज दर, कमजोर उपभोक्ता भरोसा, कमजोर रुपए आदि को दिवाली गिफ्ट बजट में कटौती की प्रमुख वजह बताया।