नई दिल्ली। दिल्ली में मार्च महीने की गुनगुनी धुप के बीच सरोजिनी नगर, दिल्ली हाट व कनॉट प्लेस के साथ ही सलेक्ट सिटी वॉक मॉल जैसे शॉपिंग हॉट स्पॉट पर हलचल की उम्मीद की जाती है, मगर फिलहाल यहां चारों ओर सुनसान नजर आ रहा है।
राष्ट्रीय राजधानी में खरीदारी के लिए सबसे बेहतर जगहों में शुमार दिल्ली हाट में दुकानदारों का दावा है कि इन दिनों यहां चहल-पहल इतनी कम हो गई है कि इससे पहले ऐसी स्थिति बहुत कम बार ही देखी गई होगी। दुकान मालिकों का कहना है कि स्थिति इतनी खराब है कि ऐसे भी दिन आए हैं, जब वे खाली हाथ घर लौटे हैं। इस तरह का दावा कई दुकानदारों ने किया है।
कश्मीरी परिधान के विक्रेता रिजवान ने कहा, "लगभग 15 दिनों के अंदर ही यहां चहल-पहल काफी कम हो गई है। ऐसे दिन आ गए हैं कि मैं खाली हाथ घर लौट आया हूं। हालात इस तरह के हैं कि मुझे पहली बिक्री के लिए शाम तक इंतजार करना पड़ता है।"
चमड़े से बने सामानों का कारोबार करने वाले बाजार के एक अन्य व्यापारी ने कहा, "दिल्ली में सभी बाजार बंद हैं। हम इस दुकान के किराए का भुगतान करने के लिए थोड़ी कमाई करने के लिए ही यहां आ रहे हैं।" यहां बाजार के आसपास तैनात सुरक्षा गार्ड भी मास्क पहने नजर आए।
हालांकि यह केवल दिल्ली हाट ही नहीं है, जिसने कोरोनावायरस के प्रकोप का सामना किया है। इसके अलावा दिल्ली-एनसीआर के विख्यात शॉपिंग मॉल सलेक्ट सिटी वॉक व डीएलएफ ग्रुप ऑफ मॉल का भी कुछ ऐसा ही हाल है।
सलेक्ट सिटी वॉक के प्रबंधन ने एहतियात के तौर पर यहां आने वाले लोगों के शरीर का तापमान जांचने के लिए थर्मल स्कैनर का उपयोग करने का निर्णय लिया है। वहीं डीएलएफ मॉल में भी साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसके अलावा दिल्ली के अन्य प्रमुख बाजारों पर भी कोरोना का नकारात्मक असर देखने को मिल रहा है। यहां लोगों की भीड़ पहले जैसी नहीं रह गई है।
सुनसान पड़ी कुतुब मीनार, लोटस टेम्पल में कम हुई चहल-पहल
कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के उद्देश्य से सरकार ने दिल्ली समेत देश के सभी राष्ट्रीय संग्रहालयों और स्मारक स्थलों को 31 मार्च तक बंद कर दिया है। इसके बाद दिल्ली की ऐतिहासिक कुतुब मीनार और लोटस टेम्पल के आसपास रौनक ही खत्म हो गई है।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) संरक्षित कुतुब मीनार का रिसेप्शन पंद पड़ा हुआ है। यहां का नजारा काफी उदासीन दिख रहा है और आसपास कुछ निजी सुरक्षा गार्ड और एक छोटी अस्थायी दुकान के अलावा और कुछ नजर नहीं आ रहा।
कुतुब मीनार के बाहर खाने-पीने की चीज बेचने वाले राम लाल ने कहा, "मैंने इसे अभी खोला है। साल का यह समय, जब न तो बहुत गर्मी है और न ही ज्यादा ठंड है, यह व्यापार के हिलाज से पीक सीजन है। मगर कोरोना की वजह से इस बार धंधा ही चौपट हो गया है।"
बंद कुतुब मीनार के रिसेप्शन पर मौजूद एक सरकारी कर्मचारी ने आईएएनएस से कहा, "अभी भी हम देख रहे हैं कि पाबंदियों से अनभिज्ञ 10 से 15 लोग इधर आते हैं। पिछले साल मध्य मार्च में हमें बड़ी मुश्किल से भीड़ को नियंत्रित करना पड़ा था। यह भी एक विडंबना ही है।"
संस्कृति मंत्रालय द्वारा संसद में साझा आंकड़ों के अनुसार, 2018-19 में कुतुब मीनार में 29 लाख पर्यटकों ने दौरा किया था। मगर विडंबना यह है कि कोरोना के प्रकोप के चलते अब यहां खामोशी छाई हुई है। दक्षिणी दिल्ली स्थित लोटस टेम्पल में कुतुब मीनार जैसी खामोशी तो नहीं मिली, मगर यहां पर भी लोगों की चहमकदमी 90 फीसदी तक कम हो गई है।
जब आईएएनएस ने मंदिर का दौरा किया, तो मंदिर के आसपास मुश्किल से 100 लोग दिख रहे थे, जबकि मुख्य मंदिर क्षेत्र बंद था।