नई दिल्ली। कंपनियों के तिमाही नतीजों, कोरोना वायरस से जुड़े घटनाक्रमों तथा अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों पर फैसले से इस सप्ताह शेयर बाजारों की दिशा तय होगी। बाजार के जानकारों ने कहा कि फ्रैंकलिन टेंपलटन म्यूचुअल फंड ने छह बांड योजनाएं बंद कर दी हैं। ऐसे मे खुदरा निवेशकों की निगाह बाजार पर इस घटनाक्रम के प्रभाव पर भी रहेगी।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के रिटेल रिसर्च प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि निवेशक अब भी कोरोना वायरस का कंपनियों पर पड़ने वाले असर को लेकर अनिश्चित हैं। आगे चलकर बाजार का रुख कंपनियों के तिमाही नतीजों, कच्चे तेल की कीमतों, डॉलर के मुकाबले रुपये के उतार-चढ़ाव, कोरोना वायरस से जुड़े घटनाक्रमों से तय होगा। खेमका ने कहा कि यदि सरकार की ओर से किसी तरह के राहत पैकेज की घोषणा होती है तो इससे कुछ अंतरिम राहत मिल सकती है।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के शोध प्रमुख दीपक जसानी ने कहा कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक की दो दिन की बैठक 28 अप्रैल को शुरू हो रही है। ब्याज दरों पर निर्णय 29 अप्रैल को आएगा। वहीं फ्रैंकलिन टेंपलटन के ताजा मामले से अर्थव्यवस्था विशेषरूप से वित्तीय क्षेत्र पर दबाव बढ़ेगा।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि वायरस से जुड़े घटनाक्रमों से बाजार को राहत नहीं मिल पा रही है। निवेशकों की निगाह सरकार पर है। वे सरकार की ओर से किसी राहत पैकेज की घोषणा का इंतजार कर रहे हैं। नायर ने कहा कि इस सप्ताह विशेषरूप से कुछ कंपनियों से जुड़े शेयरों में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। लॉकडाउन में किसी तरह की ढील से बाजार पर सकारात्मक असर पड़ेगा। इस सप्ताह इंडसइंड बैंक और एक्सिस बैंक के तिमाही नतीजे आएंगे। इसके अलावा एफएमसीजी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी हिंदुस्तान यूनिलीवर भी अपने तिमाही नतीजों की घोषणा करेगी।
इस हफ्ते 4 दिन ही कारोबार होगा, शुक्रवार को ‘महाराष्ट्र दिवस’ पर बाजार बंद रहेंगे।