नई दिल्ली। कच्चा तेल और उर्वरकों के उत्पादन में गिरावट के साथ आठ बुनियादी उद्योगों की नवंबर की वृद्धि दर 3.5 प्रतिशत रही। यह बुनियादी उद्योगों की 16 महीने की न्यूनतम दर है। सोमवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गई। इससे पहले प्रमुख उद्योगों की इससे कम वृद्धि जुलाई 2017 में थी, जबकि वृद्धि दर 2.9 प्रतिशत थी। वैसे चालू-वित्त वर्ष में अप्रैल-नवंबर के आठ माह की अवधि में बुनियादी उद्योगोंकी वृद्धि पिछले साल इसी अवधि के 3.9 प्रतिशत की तुलना में 5.1 प्रतिशत रही।
पिछले साल नवंबर में कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, परिशोधन उत्पाद, उर्वरक, इस्पात तथा बिजली- इन आठ उद्योगों का उत्पादन 6.9 प्रतिशत की दर से बढ़ा था। सरकारी आंकड़ों के अनुसार कच्चा तेल और उर्वरकों के उत्पादन में आलोच्य महीने के दौरान सालाना आधार पर क्रमश: 3.5 प्रतिशत और 8.1 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली।
इनके अलावा प्राकृतिक गैस, परिशोधन उत्पाद, इस्पात और सीमेंट उद्योग की वृद्धि दर इस दौरान कम होकर क्रमश: 0.5 प्रतिशत, 2.3 प्रतिशत, छह प्रतिशत और 8.8 प्रतिशत पर आ गई। मुख्य क्षेत्रों में वृद्धि दर सुस्त पड़ने का औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) पर भी बुरा असर पड़ेगा, क्योंकि कुल कारखाना उत्पादन में इन बुनियादी उद्योगों की हिस्सेदारी करीब 41 प्रतिशत है।
हालांकि आलोच्य महीने के दौरान कोयला और बिजली उत्पादन की वृद्धि दर बढ़कर क्रमश: 3.7 प्रतिशत और 5.4 प्रतिशत पर पहुंच गयी। पिछले साल नवंबर महीने में ये दरें क्रमश: 0.7 प्रतिशत और 3.9 प्रतिशत थीं।