नई दिल्ली। कच्चे तेल, रिफाइनरी उत्पाद तथा उर्वरकों का उत्पादन घटने से दिसंबर, 2018 में आठ बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर गिरकर 2.6 प्रतिशत पर आ गई। यह इसका 18 माह का निचला स्तर है। गुरुवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है। इससे पहले जून, 2017 में बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर एक प्रतिशत के निचले स्तर पर रही थी।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार आठ बुनियादी उद्योगों कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट और बिजली क्षेत्र की वृद्धि दर दिसंबर, 2017 में 3.8 प्रतिशत रही थी। आंकड़ों के अनुसार दिसंबर, 2018 में कच्चे तेल का उत्पादन इससे पिछले साल के समान महीने की तुलना में 4.3 प्रतिशत घटा है।
इसी तरह समीक्षाधीन महीने में रिफाइनरी उत्पादों का उत्पादन 4.8 प्रतिशत और उर्वरक उत्पादन 2.4 प्रतिशत घटा। दिसंबर में सीमेंट क्षेत्र की वृद्धि दर घटकर 11.6 प्रतिशत रही। दिसंबर, 2017 में सीमेंट उत्पादन 17.7 प्रतिशत बढ़ा था। बिजली क्षेत्र की वृद्धि दर भी घटकर 4 प्रतिशत पर आ गई। दिसंबर, 2017 में बिजली क्षेत्र का उत्पादन 4.4 प्रतिशत बढ़ा था।
हालांकि, आलोच्य माह के दौरान कोयला क्षेत्र का उत्पादन एक साल पहले के इसी माह की तुलना में 0.9 प्रतिशत अधिक रहा। प्राकृतिक गैस का उत्पादन 4.2 प्रतिशत और इस्पात का उत्पादन 13.2 प्रतिशत ऊंचा रहा।
बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर घटने का असर औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) के आंकड़ों पर भी दिखाई देगा। कुल कारखाना उत्पादन में इन क्षेत्रों का हिस्सा 41 प्रतिशत का है। चालू वित्त वर्ष 2018-19 के पहले नौ माह अप्रैल-दिसंबर के दौरान बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर 4.8 प्रतिशत रही है। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में बुनियादी उद्योगों का उत्पादन 3.9 प्रतिशत बढ़ा था।