नयी दिल्ली। आठ बुनियादी उद्योगों का उत्पादन सितंबर में 5.2 प्रतिशत घट गया है। बुनियादी क्षेत्र के आठ उद्योगों में से सात के उत्पादन में सितंबर में गिरावट आई है। गुरुवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार सितंबर, 2018 में बुनियादी उद्योगों का उत्पादन 4.3 प्रतिशत बढ़ा था। इस साल सितंबर 2019 में यह सूचकांक 120.6 पर पहुंच गया है, जो कि सितंबर 2018 की तुलना में 5.2 फीसदी कम है।
आंकड़ों के अनुसार समीक्षाधीन महीने में कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, सीमेंट, इस्पात और बिजली क्षेत्र का उत्पादन घट गया। वहीं इस दौरान उर्वरक क्षेत्र का उत्पादन 5.4 प्रतिशत बढ़ा। चालू वित्त वर्ष की अप्रैल से सितंबर की अवधि में बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर घटकर 1.3 प्रतिशत रह गई। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह 5.5 प्रतिशत रही थी।
लगातार दूसरी बार गिरावट
आठ प्रमुख इंडस्ट्रीज के सूचकांक में कोयला, कच्चा तेल, स्टील, सीमेंट, बिजली, उर्वरक और रिफाइनरी उत्पाद शामिल है। ये आठ इंडस्ट्रीज इंडेक्स ऑफ इंडस्ट्रियल प्रॉडक्शन(IIP) के करीब 40 फीसदी हिस्से का प्रतिनिधित्व करते हैं। आठों प्रमुख उद्योगों में यह गिरावट लगातार दूसरी बार है। इससे पहले अगस्त 2019 में चार साल में पहली बार इस सूचकांक में 0.5 फीसदी गिरावट देखने को मिली थी।
सिर्फ उर्वरक क्षेत्र का उत्पादन बढ़ा
आंकड़ों के अनुसार कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, सीमेंट, इस्पात और बिजली क्षेत्र का उत्पादन घट गया है। वहीं इस दौरान उर्वरक क्षेत्र का उत्पादन 5.4 प्रतिशत बढ़ा है। चालू वित्त वर्ष की अप्रैल से सितंबर की अवधि में प्रमुख उद्योगों की वृद्धि दर घटकर 1.3 प्रतिशत रह गई है। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह 5.5 प्रतिशत रही थी। यह इंडेक्स, इंडेक्स ऑफ इंडस्ट्रियल प्रॉडक्शन का 40.27 फीसदी होना इस बात की ओर इशारा करता है कि वर्तमान आंकड़ा नवंबर में जारी होने वाले इंडस्ट्रियल प्रॉडक्शन के आंकड़े पर भी असर डाल सकता है।
राजकोषीय घाटा सितंबर तक बजट अनुमान के 93 प्रतिशत पर पहुंचा
देश का राजकोषीय घाटा सितंबर महीने के अंत तक चालू वित्त वर्ष के बजट अनुमान के करीब 93 प्रतिशत के बराबर पर पहुंच गया। पिछले वित्त वर्ष में यह सितंबर अंत तक बजट अनुमान के 95.30 प्रतिशत पर था। गुरुवार को महालेखानियंत्रक द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, 30 सितंबर की स्थिति के अनुसार राजकोषीय घाटा (सरकार के खर्च और राजस्व के बीच की खाई) 6,51,554 करोड़ रुपए था। सरकार ने चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा 7.03 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान व्यक्त किया है।
सरकार का लक्ष्य राजकोषीय घाटा को सकल घरेलू उत्पाद के 3.30 प्रतिशत पर सीमित रखने का है। आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से सितंबर के दौरान राजस्व संग्रह बजट अनुमान का 41.60 प्रतिशत रहा। पिछले वित्त वर्ष में समान अवधि में यह 40.10 प्रतिशत रहा था। इस दौरान 8,16,467 करोड़ रुपए के राजस्व का संग्रह हुआ। पूरे वित्त वर्ष में 19.62 लाख करोड़ रुप का राजस्व जमा होने का अनुमान है।
इस दौरान कुल पूंजीगत खर्च बजट अनुमान का 55.5 प्रतिशत रहा, जो पिछले वित्त वर्ष में 54.20 प्रतिशत रहा था। कुल खर्च बजट अनुमान का 53.40 प्रतिशत यानी 14.88 लाख करोड़ रुपए रहा। सरकार ने आम बजट में पूरे वित्त वर्ष में कुल खर्च 27.86 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान व्यक्त किया है।