नई दिल्ली। सालाना आधार पर अक्टूबर में भारत की इंफ्रास्ट्रक्चर आउटपुट ग्रोथ 6.6 प्रतिशत रही है, जो कि पिछले छह महीने का सबसे ऊंचा स्तर है। बुनियादी क्षेत्र के आठ उद्योगों की वृद्धि दर अक्टूबर में 6.6 प्रतिशत रही जो एक साल पहले इसी माह में 3.8 प्रतिशत थी। सीमेंट, बिजली, पेट्रो रिफाइनरी प्रोडक्ट्स के उत्पादन में सुधार से कोर सेक्टर की ग्रोथ सुधरी है। हालांकि फर्टिलाइजर उत्पादन में सुस्ती देखी गई है।
- सितंबर में कोर सेक्टर की ग्रोथ 5.0 प्रतिशत थी। चालू वित्त वर्ष के पहले सात माह के दौरान आउटपुट ग्रोथ 4.9 प्रतिशत रही है।
- अक्टूबर में रिफाइनरी प्रोडक्शन सालाना आधार पर 15.1 प्रतिशत बढ़ा है। सितंबर में इसमें 9.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
- महीने दर महीने आधार पर अक्टूबर में कोयला उत्पादन -5.8 फीसदी के मुकाबले -1.6 फीसदी रहा है।
- कच्चे तेल का उत्पादन -4.1 फीसदी के मुकाबले -3.2 फीसदी रहा है।
- नैचुरल गैस का उत्पादन -5.5 फीसदी के मुकाबले -1.4 फीसदी रहा है।
- पेट्रो रिफाइनरी प्रोडक्ट्स का उत्पादन 9.3 फीसदी से बढ़कर 15.1 फीसदी रहा है।
- फर्टिलाइजर का उत्पादन 2 फीसदी से घटकर 0.8 फीसदी रहा है।
- स्टील का उत्पादन 16.3 फीसदी से मामूली बढ़कर 16.9 फीसदी रहा है।
- अक्टूबर में सीमेंट का उत्पादन 5.5 फीसदी से बढ़कर 6.2 फीसदी रहा है।
- महीने दर महीने आधार पर अक्टूबर में बिजली का उत्पादन 2.2 फीसदी से बढ़कर 2.8 फीसदी रहा है।
अप्रैल-अक्टूबर में वित्तीय घाटा 4.23 लाख करोड़ रुपए
- अप्रैल से अक्टूबर के दौरान देश का वित्तीय घाटा 4.23 लाख करोड़ रुपए रहा। यह 2016-17 के कुल बजट अनुमान का 79.3 प्रतिशत है।
- पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में वित्तीय घाटा 4.1 लाख करोड़ रुपए था।
- सरकार ने वित्त वर्ष 2016-17 के लिए वार्षिक बजट लक्ष्य 5.34 लाख करोड़ रुपए तय किया है।
- अप्रैल-अक्टूबर 2016 के दौरान राजस्व घाटा 3.28 लाख करोड़ रुपए रहा है।
- वित्त वर्ष 2015-16 की समान अवधि में यह घाटा 2.87 लाख करोड़ रुपए था।