नई दिल्ली। बुनियादी ढांचा क्षेत्र यानि कोर सेक्टर के आठ उद्योगों का उत्पादन नवंबर में पिछले साल के मुकाबले 2.6 प्रतिशत घट गया। यह लगातार नौवां महीना है जब बुनियादी उद्योगों का उत्पादन घटा है। प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, इस्पात और सीमेंट क्षेत्र के खराब प्रदर्शन की वजह से बुनियादी उद्योगों के उत्पादन में गिरावट आई है। नवंबर, 2019 में आठ बुनियादी उद्योगों का उत्पादन 0.7 प्रतिशत बढ़ा था।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के बृहस्पतिवार को जारी आंकड़ों के अनुसार नवंबर में कोयला, उर्वरक और बिजली को छोड़कर अन्य सभी क्षेत्रों जैसे कच्चे तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, इस्पात और सीमेंट के उत्पादन में गिरावट आई। चालू वित्त वर्ष के पहले आठ महीनों में अप्रैल-नवंबर में बुनियादी उद्योगों का उत्पादन 11.4 प्रतिशत घटा है। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में बुनियादी उद्योगों का उत्पादन 0.3 प्रतिशत बढ़ा था। समीक्षाधीन महीने में कच्चे तेल का उत्पादन 4.9 प्रतिशत घटा। इसके अलावा प्राकृतिक गैस के उत्पादन में 9.3 प्रतिशत, रिफाइनरी उत्पादों में 4.8 प्रतिशत, इस्पात में 4.4 प्रतिशत और सीमेंट में 7.1 प्रतिशत की गिरावट आई। वहीं दूसरी ओर कोयले का उत्पादन 2.9 प्रतिशत और बिजली क्षेत्र का उत्पादन 2.2 प्रतिशत बढ़ा। उर्वरक उत्पादन में 1.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। पिछले साल समान महीने में उर्वरक उत्पादन 13.6 प्रतिशत बढ़ा था। कुल औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) में आठ बुनियादी उद्योगों का भारांश 40.27 प्रतिशत है।
अक्टूबर में इन आठ बुनियादी उद्योगों का उत्पादन 0.9 प्रतिशत घटा था। सितंबर में बुनियादी उद्योगों के उत्पादन में 0.1 प्रतिशत की गिरावट आई थी। इक्रा की प्रमुख अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि बुनियादी उद्योगों की तर्ज पर कई और संकेतकों की वृद्धि दर नवंबर में नीचे आई है, जो बेस इफेक्ट को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि अभी तक जो सूचनाएं उपलब्ध हैं उनके आधार पर हमारा अनुमान है कि नवंबर, 2020 में औद्योगिक उत्पादन में अस्थायी तौर पर दो से पांच प्रतिशत की गिरावट आएगी।