नयी दिल्ली। इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन में करीब 38 फीसदी हिस्सेदारी वाली कोर सेक्टर इंडस्ट्रीज की हालत में सुधार आया है। सितंबर में कोर सेक्टर की इंडस्ट्रियल ग्रोथ 3.2 फीसदी रही, जो कि पिछले 4 महीने में सर्वाधिक है। इस दौरान बिजली और उर्वरक उत्पादन में सबसे ज्यादा तेजी दर्ज की गई। इससे पहले मई में कोर इंडस्ट्री की ग्रोथ 4.4 फीसदी रही थी। वहीं सितंबर 2014 में कोर इंडस्ट्री ने सिर्फ 2.6 फीसदी की ग्रोथ दर्ज की थी।
साल की पहली छमाही में घटी ग्रोथ
कोर सेक्टर में 8 प्रमुख उद्योगों को शामिल किया जाता है, जिसमें कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट और पावर सेक्टर शामिल हैं। इन सभी 8 सेक्टर्स में मासिक आधार पर भले ही कोर इंडस्ट्री में ग्रोथ दिखाई दी हो। लेकिन पिछले साल के मुकाबले इस साल पहले 6 महीने में इंडस्ट्रियल ग्रोथ में गिरावट आई है। इस साल अप्रैल से सितंबर के बीच पहले छह महीने में कोर इंडस्ट्री की ग्रोथ 2.3 फीसदी रही। जबकि, पिछले साल इसी अवधि में कोर इंडस्ट्री की ग्रोथ 5.1 फीसदी थी।
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बिजली और उर्वरक इंडस्ट्री में दिखी ग्रोथ
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार सितंबर 2015 में उर्वरक उत्पादन 18.1 फीसदी बढ़ गया। जबकि पिछले साल सितंबर में इस क्षेत्र में 11.6 फीसदी की गिरावट आई थी। इसके साथ ही बिजली उत्पादन क्षेत्र में भी अच्छी ग्रोथ देखने को मिली है। सितंबर में पावर सेक्टर की ग्रोथ 10.8 फीसदी रही। जो कि पिछले साल मात्र 3.9 फीसदी थी। वहीं कोयला और स्टील उत्पादन में भारी गिरावट आई है। पिछले साल कोयला उद्योग की ग्रोथ 7.6 फीसदी थी। जो कि इस साल घटकर 1.9 फीसदी रह गई। वहीं स्टील सेक्टर की ग्रोथ भी पिछले साल 6.6 फीसदी के मुकाबले 2.5 फीसदी रही। इसके अलावा कच्चे तेल का उत्पादन भी सितंबर के दौरान 0.1 प्रतिशत गिरा।